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“कान खोलके सुन ले सरकार……एक इंच भी जमीन नही देंगें” : राकेश टिकैत ( डोईवाला महापंचायत )

Dehradun : डोईवाला में नयी टाउनशिप बसाने के मुद्दे पर आज संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें खासतौर पर जगतार सिंह बाजवा और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शामिल हुये

“सुंदर गांव”

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने कहा कि हम “स्मार्ट सिटी”, सुंदर शहर बनाएंगे उन्होंने सुंदर गांव बसाने की बात नहीं करी हमारा कहना है कि आप इनको ही सुंदर शहर बना लो

टिकैत ने दिया किसानों की बर्बादी का उदहारण

यह जो हमारी जमीन बची हुई है इन पर सरकार की नजरें हैं

जमीन छिन गई तो किसान कहां जाएगा

राकेश टिकैत ने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे दिल्ली एयरपोर्ट के बर्बाद किसान आज कहीं भी आबाद नहीं है

जो महिपालपुर के गांव थे उसके बाद जेवर के किसान उन्होंने भी समझौते के आधार पर अपनी जमीन दी

जब हम वहां पर आंदोलन करने गए तो उन्होंने कहा कि यहां पर आंदोलन मत करो हमें रेट बढ़िया मिल रहे लेकिन बहुत किसानों की जमीन चली गई

लेकिन जब 60 गांव की जमीन चली गई तब वह कहने लगे कि हम तो बर्बाद हो गए

जब दूसरे गांवों की जमीन जाने लगी तब वहां पर आंदोलन शुरू हुए

तो यह बात बहुत चलती है कि समझौते के आधार पर ले लो

समझौते के आधार पर जो किसान अपनी जमीन बेचने की बात करेगा वह बर्बाद होगा

उसका जीता जागता उदाहरण है कि किसी भी किसान ने उसने अपनी जमीन बेची हो कोई व्यापार कर लिया हो वह दोबारा उसे खरीद नहीं सकता कभी भी

“तोड़ने की माहिर है सरकार”

राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकार तोड़ने की माहिर है

किसी भी पार्टी को,किसी के घर को तोड़ने में माहिर है

यह आंदोलन भी कैसे टूटेगा वह इसके मास्टर हैं

लेकिन हम को इकट्ठा रहना है

यह आपके बीच में आएंगे 5 लोगों की सबसे पहले जमीन लेंगे यह जबरदस्ती नहीं लेंगे गांव के प्रधान से कहेंगे कि प्रस्ताव करके दे

अपने इस्तीफे दे देना लेकिन गांव का ठेका मत लेना

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रजनीश प्रताप सिंह तेज

हम आप के रेट बढ़ाने नहीं आए

टिकैत साहब एक आंदोलन में गए उन्होंने पूछा कि आपने हमें बुलाया किसलिए आखिर ?

वो बोले हमारा आंदोलन थोड़ा सा तेज हो जाए तो हमारे रेट बढ़ जाएंगे

तो हम यहां उत्तराखंड की इस महापंचायत में जो देहरादून की बहुत खूबसूरत डोईवाला जगह है

इसमें हम रेट बढ़वाने का आंदोलन तो करेंगे नहीं अगर किसान अपनी जमीन नहीं देगा तो इनकी हिम्मत नहीं कि आप की जमीन ले लेंगे

ऐसे होगी बड़े आंदोलन की शुरुआत

आपका आंदोलन अभी मीटिंग से शुरू होगा ट्रैक्टर मार्च से शुरू होगा

अगर यह आपकी जमीन छीनने का प्रयास करेंगे जिस दिन कंस्ट्रक्शन पर आएंगे या कागजों से छेड़छाड़ करेंगे उस दिन आपका बड़ा आंदोलन की शुरुआत हो गई

क्यूंकि चोर ने रास्ता देख लिया

राकेश टिकैत बोले “क्योंकि चोर ने रास्ता देखा कि मैं चोरी कहां से करूंगा वह कभी भी हमला कर सकता है”

चोर ने घर का दरवाजा देख लिया चोरी ना करी हो लेकिन चोर यहां पर घूम कर गया उसकी पहरेदारी रखनी है

और यहां की सरकार यह अच्छी तरह से जानती है कि यहां पर आंदोलन कैसे होते हैं

जब भी यहां पर आंदोलन होगा आप आवाज लगाओगे सहारनपुर का रास्ता बंद होगा ,मुजफ्फरनगर को उत्तर प्रदेश को जो रास्ते जाते हैं वह बंद होंगे ,बिजनौर से बंद होंगे, मुरादाबाद से बंद होंगे

15 अगस्त को ट्रेक्टर और लंगर

राकेश टिकैत ने कहा कि 15 अगस्त को ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम होंगे आप अपने-अपने ब्लॉक में ट्रैक्टर लेकर जाना

यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में भी होगा 15 अगस्त को 10:00 बजे के आसपास (क्योंकि तब तक झंडा फहराने का काम हो गया होगा उसके बाद) हमारे ट्रैक्टर ब्लॉक हेड क्वार्टर पर आएंगे अपने घर से लंगर लाएंगे और वहीं पर बैठकर आपस में खाएंगे

1- 1:30 बजे तक अपने घर वापसी चले जाएंगे यह पहले से ही प्रस्ताव शामिल है

परेड ग्राउंड का रुख करेगा ट्रैक्टर मार्च

3 अक्टूबर के आसपास ट्रैक्टर मार्च होगा

(उन्होंने किसानों को ईशारों-ईशारों में समझाते हुये कहा कि)

जिसका ट्रैक्टर उस दिन अपने घर खड़ा रहेगा तो समझ लेना यह अपनी जमीन बेचेगा

ट्रैक्टरों का रूट रहेगा देहरादून परेड ग्राउंड

(उन्होंने लच्छीवाला की तरफ इशारा करते हुये कहा कि ) सरकार यही मिलेगी पुल पर आपको

इस मार्च के लिये आपको सहारनपुर, मुजफ्फरनगर ,बिजनौर से मदद मिलेगी

एक बढ़िया मार्च 3 अक्टूबर को निकालेंगे (आवश्यकता पड़ने पर यह डेट आगे पीछे भी कर सकते हैं)

इसका नाम “एक मार्च-ट्रैक्टर के नाम” होगा

देहरादून की तरफ पुलिस प्रशासन रोकेगा कहीं तो उसका वही का वही देखेंगे उसके फैसले वहीं लेंगे

बहोत बेशर्म सरकार है ये

राकेश टिकैत ने कहा अगर हम आंदोलन मजबूत नहीं करेंगे तो यह बहुत बेशर्म सरकार है

यह किसानों को बर्बाद करना चाहते हैं किसानों को लूटना चाहते हैं यह आंदोलन से मानते हैं

“मौसी-मौसी” के हैं ये सब

यहां पर कईं विचारधारा के लोग होंगे हम किसी के समर्थक नहीं हैं कि हम किसी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं

जो पहले थे फिर यह हैं फिर जो उनके बाद आने वाले हैं यह सब एक ही है

यह सब “मौसी-मौसी” के हैं

पॉलिटिकल पार्टी आपको कोई भी बचा नहीं सकती जो पॉलिटिकल पार्टी के लोग हैं वह मंचों का इस्तेमाल ना करें

उनसे दूर रहोगे तो यह आंदोलन सक्सेसफुल होगा

जैसे दिल्ली में आंदोलन चला तो मंच और माइक दूर रहा उनसे

आप निश्चित रहो 1 इंच जमीन भी डोईवाला वैली कि नहीं जाएगी सरकार कान खोल कर सुन ले

ये रहे प्रमुख रूप से उपस्थित

आज डोईवाला के निर्मल फार्म ,चांदमारी में आयोजित की गई इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ,जगतार सिंह बाजवा, उषा तोमर, विजय शास्त्री, सागर मनवाल ,ताजेंद्र सिंह ताज,एडवोकेट मनोहर सिंह सैनी, अंशुल त्यागी, अनुज चौधरी, सतवीर, जसवंत सिंह, रणजीत सिंह, राजेंद्र सिंह ,तेजपाल मोंटी ,सर्वजीत सिंह, सरबजीत सिंह, प्रताप सिंह, हाजी अमीर हसन, अजय राजपूत, एडवोकेट मनीष धीमान ,प्यारा सिंह ,सरवन, इंद्रजीत सिंह, मनोज नौटियाल, जसवीर सिंह, मोहम्मद अकरम, तरसेम सिंह, लक्ष्मी देवराडी, अशोक चौधरी, इमरान अली, भारत भूषण कौशल, संजय खत्री, सरदार दलजीत सिंह ,सुरेंद्र सिंह खालसा, इंद्रजीत सिंह , जितेंद्र कुमार ,अनिल पाल ,गुरपाल सिंह, जाहिद अंजुम, अजीत सिंह, मोहित उनियाल ,गौरव सिंह ,एडवोकेट महेश लोधी, विशाल अग्रवाल, रणवीर सिंह चौहान ,गौरव मल्होत्रा ,सुरेंद्र सिंह राणा ,अब्दुल रज्जाक ,तेज प्रताप सिंह, अब्दुल खालिद ,कमल अरोड़ा ,राजवीर खत्री ,याकूब अली ,हेमा पुरोहित प्रमुख रूप से उपस्थित रहे

 

 

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