अल्मोड़ा। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र, हवालबाग में रबी किसान मेले का आयोजन किया गया। इस मौके पर “पर्वतीय कृषि दर्पण” पत्रिका का विमोचन किया गया। मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनेक संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों ने प्रदर्शनी में अपने स्टाल लगाये। किसान मेले में उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से करीब 500 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि जिलाधिकारी नितिन भदोरिया ने संस्थान के पर्वतीय कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे शोध कार्याे की प्रशंसा की। उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए किसानों की आर्थिक स्थिति की मजबूती को आवश्यक बताया। उन्होंने कृषि मेला आयोजित करने के लिए संस्थान के निदेशक एवं कर्मचारियों की सराहना की साथ ही कहा कि इससे किसानों की आय निश्चित ही दोगुनी की जा सकती है। उन्होंने संस्थान के स्टाॅल पर उपलब्ध बीजों का किसानों के प्रयोग में लाने तथा किसानों से गाॅंवों में जाकर प्रेरक की भूमिका निभाने की बात कही। आईटीबीपी के उप महानिरीक्षक सतपाल सिंह ने किसानों से जैविक विधि से उत्पादन करने की बात कहते हुए कहा कि इससे जहां लोगों को अच्छे उत्पाद मिलेंगें वहीं किसानों को अधिक लागत मूल्य मिलेगा। बीएसएनएल के महा प्रबन्धक अनिल कुमार गुप्ता ने देश के विकास के लिए कृषि के विकास को आवश्यक बताया।
किसान मेले के दौरान आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डा. अरूणव पट्टनायक ने पर्वतीय कृषि के क्षेत्र में संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने पर्वतीय कृषि को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का समावेश की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा उन्नत प्रजातियों की किस्मों का विकास, समेकित नाशी जीव प्रबन्धन के साथ-साथ कृषि प्रसार के क्षेत्र में निरन्तर कार्य किये जा रहे है जिनसे पर्वतीय कृषकों की आर्थिक स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार हो सके एवं पर्वतीय कृषि एक टिकाऊ एवं लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा जनपद में कृषि के उत्थान के लिए जिला प्रशासन, अनुसंधान संस्थानों एवं अन्य विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों के फलस्वरूप 2022 से पूर्व ही किसानों की आय दोगुनी करने में हम सफल होंगे। इस दौरान संस्थान के पूर्व निदेशक डा. जे.सी. भट्ट ने संस्थान के कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम कोे संस्थान के वैज्ञानिक डा. जे.के. बिष्ट ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों से पहुंचे कृषकों ने विभिन्न फसलों एवं प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। मेले में आयोजित कृषक गोष्ठी में पर्वतीय कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुआंें पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों ने त्वरित समाधान किया। कार्यक्रम का संचालन डा. निर्मल चन्द्रा, डा. कुशाग्रा जोशी व डा. अंकिता कांडपाल ने किया।
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