देश का एकमात्र “आयुष्मान गोल्ड क्वालिटी” सर्टिफाइड बना “हिमालयन हॉस्पिटल”

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-स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हिमालयन हॉस्पिटल के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि
-आयुष्मान गोल्ड कार्ड रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा का परिणाम- डॉ.धस्माना

देहरादून : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अधीन संचालित हिमालयन हॉस्पिटल को आयुष्मान गोल्ड क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है।
यह सर्टिफिकेट मरीजों के गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए दिया जाता है।

कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल को आयुष्मान गोल्ड सर्टिफिकेट मिलना हॉस्पिटल के लिए बड़ी उपलब्धि है।
सेवा के मकसद से ही हिमालयन हॉस्पिटल की स्थापना की गई। हॉस्पिटल आने वाले मरीजों को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के अनुरुप सुविधाएं दी जा रही हैं।
क्या होता है आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड ?
अटल आयुष्मान योजना (उत्तराखण्ड) निदेशक एडमिनिस्ट्रेशन एवं मेडिकल क्वालिटी की
डॉ.अर्चना श्रीवास्तव ने बताया की आयुष्मान योजना से संबधित अस्पतालों के लिए ब्रोंज, सिल्वर व गोल्ड की तीन श्रेणिया बनाई गई हैं।
इन श्रेणियों में गोल्ड श्रेणी में सर्टिफिकेशन सर्वश्रेष्ठ होता है।
गोल्ड सर्टिफिकेशन उन्हीं हॉस्पिटल को दिया जाता है जिन्होंने रोगियों को उपचार में गुणवत्ता के सर्वोच्च मानक पूरे करने के साथ ही गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा दी है।
हिमालयन देश का पहला आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड हॉस्पिटल
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड के मानक कितने कठिन हैं इस बात से समझा जा सकता है कि भारत में करीब 650 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हैं।
इनमें से हिमालयन देश का एकमात्र टीचिंग हॉस्पिटल है जिसे आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड होने का दर्जा हासिल हुआ है।
अब तक 35000 से ज्यादा रोगियों का उपचार
कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना लागू होने के प्रथम वर्ष में ही हिमालयन हॉस्पिटल के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई थी।
इस योजना के तहत रोगियों का उपचार करने में देशभर में हिमालयन हॉस्पिटल अग्रणी रहा। वर्तमान में अब तक 35000 से ज्यादा रोगियों का उपचार किया जा चुका है।