एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का दाम 50 रुपये में साढ़े छह क्विंटल तक के निचले स्तर तक आज पहुँच गया । मोटा-माटी मजदूरी और परिवहन के खर्च निकालकर 60 पैसे प्रति किलो का भाव फिलहाल चल रहा है। ।हालात ये हो गए हैं कि किसान खेत से मंडी लाने का खर्च भी बमुश्किल निकाल पा रहा है।
आज लासलगांव मंडी में 800 टन प्याज की आवक हुई जिसका सरकारी भाव न्यूनतम 150 रुपये से लेकर अधिकतम 720 रुपये प्रति कुन्टल रखा गया है।
हर बार आम आदमी के आंसू निकालने वाला प्याज इस बार किसान को रुला रहा है।
क्यूं गिर रहे हैं प्याज के दाम ?
(1) पाकिस्तान और बांग्लादेश के भारत के मुकाबले 25 % तक सस्ते प्याज के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आने से भारत का निर्यात गिरा है।
(2) देश के कोल्ड स्टोरेज में पहले से ही प्याज भरा है,किसान नया प्याज मंडी में लेकर आ गया जबकि कईं राज्यों से प्याज की अगली नई फसल बाजार में पहुँचने ही वाली है ,यानि प्याज की सप्लाई ज्यादा बढ़ गयी है।
कौन तय करता है प्याज का भाव ?
देश भर में प्याज की कीमतें महाराष्ट्र की नासिक स्थित लासलगांव एपीएमसी यानि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्किट कमोडिटीज तय करती है।
क्या करना चाहिए सरकार को ?
देश की सरकार को चाहिए की वो किसानों की समस्या को देखते हुए तत्काल कदम उठाये,जैसे कि
(1) सरकार ट्रांसपोर्ट सब्सिडी प्रदान करे।
(2)भारतीय प्याज के अंतराष्ट्रीय बाजार में एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाये।
बहरहाल हर बार भाव खाने वाला प्याज आज नरम पड़ गया है जिसकी सीधी मार देश के प्याज किसानों को झेलनी पड़ रही है।