उत्तराखंड में तकनीकी छात्रों के लिए उद्यमिता को बढ़ावा,तकनीकी शिक्षा विभाग और EDII अहमदाबाद में MoU साइन
Promoting entrepreneurship for technical students in Uttarakhand, Department of Technical Education and EDII Ahmedabad sign MoU

देहरादून,6 जून 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र को नई दिशा देने और छात्रों में उद्यमशीलता की भावना को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII), अहमदाबाद के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस साझेदारी का उद्देश्य प्रदेश में टेक-आधारित नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है।
यह समझौता समारोह 4 जून 2025 को तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर डॉ. रंजीत सिन्हा (सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग), डॉ. सुनील शुक्ल (महानिदेशक, ईडीआईआई), डॉ. अमित कुमार द्विवेदी (निदेशक, ईडीआईआई), देश राज (निदेशक, तकनीकी शिक्षा विभाग), डॉ. राजेश कुमार उपाध्याय (सचिव, उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद) सहित कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
उद्यमिता और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
यह पहल प्रदेश के तकनीकी संस्थानों में उद्यमिता को पाठ्यक्रमों में शामिल करने, नवाचार को बढ़ावा देने और युवाओं को नौकरी चाहने की मानसिकता से निकलकर नौकरी देने वाला उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई है।
ईडीआईआई वर्तमान में उत्तराखंड में उच्च शिक्षा विभाग के साथ “देवभूमि उद्यमिता योजना” के अंतर्गत उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है।
अब तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ यह नई साझेदारी इस प्रयास को और अधिक व्यापकता प्रदान करेगी।
समझौते के प्रमुख प्रावधान
इस समझौते के अंतर्गत ईडीआईआई, तकनीकी शिक्षा विभाग को विभिन्न उद्यम गतिविधियों में सहयोग करेगा:
संकाय विकास कार्यक्रम: ‘टेक-वेंचर मेंटर डेवलपमेंट प्रोग्राम’ के तहत तकनीकी संस्थानों के संकायों को उद्यमिता प्रशिक्षकों के रूप में तैयार किया जाएगा।
उद्यम क्रांति केंद्र की स्थापना: संस्थानों में विशेष केंद्र स्थापित कर मेंटरिंग, प्री-इनक्यूबेशन और व्यवसाय विचार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
माइक्रो-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर्स: अग्रणी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में लघु व्यवसायों के लिए इनक्यूबेशन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
टेक-वेंचर समिट, हैकथॉन और निवेशक मीट: नवाचार को बढ़ावा देने, निवेशकों से जुड़ाव और उद्योग भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय आयोजन किए जाएंगे।
तकनीक आधारित स्टार्टअप्स को सहयोग: हर वर्ष चयनित 200 छात्रों को व्यावहारिक बिजनेस मॉडल तैयार करने में तकनीकी व संरचनात्मक सहायता दी जाएगी।
स्थानीय प्रोजेक्ट प्रोफाइल का विकास: उत्तराखंड की क्षेत्रीय विशेषताओं जैसे पर्यटन, कृषि, हस्तशिल्प और प्राकृतिक उत्पादों के आधार पर व्यवसाय मॉडल तैयार किए जाएंगे।
केंद्र प्रायोजित निधियों का दोहन: राज्य की उद्यमिता पहलों को वित्तीय समर्थन देने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से फंडिंग जुटाने का प्रयास किया जाएगा।
सांस्थानिक सहयोग: इनक्यूबेटर, उद्योग और अकादमिक संस्थानों के साथ मिलकर छात्रों को तकनीकी, वित्तीय और विपणन सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
गणमान्य व्यक्तियों के वक्तव्य
इस अवसर पर मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, “यह समझौता आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
ईडीआईआई की विशेषज्ञता और हमारे संस्थानों की प्रतिबद्धता युवाओं को नवाचार और रोजगार सृजन के नए अवसर प्रदान करेगी।”
डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव, तकनीकी शिक्षा ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे छात्र केवल डिग्रीधारी न बनें, बल्कि नवाचार और आत्मनिर्भरता के वाहक बनें।
यह साझेदारी टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”
डॉ. सुनील शुक्ल, महानिदेशक, ईडीआईआई ने कहा, “उत्तराखंड में तकनीक-सक्षम और संसाधन-आधारित उद्यमों की अपार संभावनाएं हैं।
हम इस साझेदारी के माध्यम से राज्य की युवा शक्ति को स्केलेबल उद्यमों में बदलने के लिए कार्य करेंगे।”
डॉ. अमित कुमार द्विवेदी, निदेशक (सरकारी परियोजना विभाग), ईडीआईआई ने कहा, “हम देवभूमि उद्यमिता योजना की भांति इस योजना के अंतर्गत तकनीकी शिक्षा के छात्रों को भी उद्यम की मुख्य धारा से जोड़ेंगे।”