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Udan App Aiims Rishikesh : बिना इंटरनेट के भी करेगा काम,”उड़ान” एप्प से मिलेगा डॉक्टर का कंसल्टेशन,एम्स,ऋषिकेश ने किया लॉन्च

Udan App Aiims Rishikesh :

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के सोशल

आउटरीच सेल एवं आईआईटी रुड़की के संयुक्त तत्वावधान में

उड़ान एक आउटरीच “टेली हेल्थ कंसल्टेशन” बनाया गया है, जिसे शनिवार को लांच किया गया।

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Udan App Aiims Rishikesh :

देहरादून : एम्स ऋषिकेश के द्वारा उड़ान एप्प लांच की गयी है

जिसका उद्देश्य सुदूर क्षेत्रों में जरुरतमंद लोगों को टेलीमेडिसिन

के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

अति दुर्गम क्षेत्र में मिलेगा टेलीमेडिसिन का फायदा

गौरतलब है कि अभी कोविड-19 महामारी पूर्णरूप से खत्म नहीं हुई है,

लिहाजा कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए निकट भविष्य

में आने वाली स्वास्थ्य संंबंधी दिक्कतों के दृष्टिगत एम्स की ओर

से इस ऐप को तैयार किया गया है,जिसके माध्यम से अति दुर्गम

स्थानों के लोग एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों से ​चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे।

इस ऐप की खासियत यह है कि जिन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा नहीं हो,

ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी इस ऐप के माध्यम से

स्वास्थ्य सुविधा व चिकित्सकीय परामर्श ले सकते हैं।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने कहा

कि स्वास्थ्य लाभ को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए तैयार उड़ान

मॉडल आईआईटी रुड़की और एम्स ऋषिकेश की पहल सराहनीय है।

Udan App Aiims Rishikesh : 

उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कोने-कोने तक

जनमानस को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना 

और इसके लिए आईआईटी हर कदम पर एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों के साथ है।

एम्स के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा

कि टेलीमेडिसिन ने स्वास्थ्य जगत में अनोखा आयाम प्रस्तुत किया है,

उन्होंने उम्मीद जताई कि एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच

सेल एवं आईआईटी रुड़की के संयुक्त तत्वावधान द्वारा तैयार

किया गया यह मॉडल उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में

प्राथमिक स्वास्थ्य को लेकर एक नया मोड़ लाएगा।

कोविड-19 की दूसरी लहर से मिली ऐप (app) बनाने की प्रेरणा

एम्स के सोशल आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. संतोष

कुमार ने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के अनुभवों से

यह ऐप (app) बनने की प्रेरणा मिली है,

अपने अनुभव साझा करते हुए डा. संतोष ने बताया कि

जब उन्होंने देखा कि सुदूरवर्ती व दुर्गम क्षेत्रों में संपर्क साधना बहुत ही मुश्किल हो रहा है,

जिससे कि ग्रामीणों को स्वास्थ के संबंध में समय पर उचित चिकित्सकीय परामर्श नहीं मिल पा रहा है,

तो इसी के मद्देनजर इस मॉडल को तैयार करने का विचार आया है।

उन्होंने बताया कि उड़ान मॉडल द्वारा हम ऐसे क्षेत्रों में पहुंच पाएंगे, जहां इंटरनेट नहीं है,

यह ऐप 5 चरणों में कार्य करेगा।

जिसमें सर्वाधिक बीमारी वाले गांवों को चिह्नित करके संस्थान के

द्वारा उक्त गांवों में बीमारियों से बचाव के लिए ठोस रूपरेखा तैयार की जाएगी।

ये रहे उपस्थित

उद्घाटन कार्यक्रम में संस्थान के डीएचए प्रोफेसर यूपी मिश्रा ,

सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ,

प्रोफेसर ब्रिजेंद्र सिंह , डा. मोहित ढींगरा, प्रो. डी. के. त्रिपाठी ,

डॉ. कुमार सतीश रवि, डॉ. योगेश के अलावा रजिस्ट्रार

राजीव चौधरी, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल,

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष

संदीप सिंह,विधि अधिकारी प्रदीप पांडेय आदि मौजूद थे।

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