कारगिल शहीदों के सेलाकुई और थानों स्थित घर-घर पहुंचे जवान, परिजनों को भेंट किए स्मृति सम्मान चिन्ह
Soldiers visited the homes of Kargil martyrs in Selaqui and police stations and presented mementoes to their families

देहरादून,5 जून 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) ; “वो चोटियाँ जहाँ आज तिरंगा लहराता है, वहाँ एक समय गोलियों की बौछार थी।
पर हमारे वीरों ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देकर भारत माता की शान बढ़ाई। कारगिल के उन अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन!”
आगामी 26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पूरे उत्तराखंड के सभी जिलों में भारतीय सेना द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें 1999 के कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी शहीदों को याद किया जा रहा है
इसी कड़ी में, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व सैनिक, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक इन आयोजनों में शामिल हो रहे हैं.
इसी श्रंखला में सेना की ओर से एक जागरूकता अभियान की भी शुरुआत की गई.
इस कार्यक्रम में नायब सूबेदार सुधीर चंद्र और उनके अन्य साथियों ने सैन्य अनुशासन का परिचय देते हुए 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अमर शहीदों की बहादुरी को याद किया और उनके परिवारों को सम्मानित किया.
यह भावुक अवसर सभी उपस्थितों के लिए गर्व और श्रद्धा का प्रतीक बना.
जवानों ने इस अवसर पर कहा, “हम अपने वीर साथियों को भूले नहीं हैं, न कभी भूलेंगे
यह हमारा कर्तव्य नहीं, हमारी भावना है कि हम उनके परिजनों को बताएं — उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया है।”
शहीदों के परिजनों ने इस सम्मान पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “पति, बेटा, भाई तो खो दिया, पर आज महसूस हुआ कि पति, बेटा, भाई अकेला नहीं था। पूरी भारतीय सेना उनके पीछे खड़ी है।”
यह आयोजन केवल एक रस्म नहीं, बल्कि यह संदेश था कि देश अपने शहीदों और उनके परिवारों को कभी नहीं भूलता। उनका बलिदान भारत की आत्मा में बसा हुआ है।
कार्यक्रम के अंत में ‘वीर जवानों की जय’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। जय वीर बलिदानी, जय भारत, जय उत्तराखंड।
देहरादून में विशेष सम्मान: राइफलमैन नरपाल सिंह और नायक कृष्ण बहादुर थापा को भावभीनी श्रद्धांजलि
आज देहरादून में सेना द्वारा कारगिल युद्ध के दो महान बलिदानियों के घर जाकर उनके परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
यह क्षण विशेष रूप से भावुक कर देने वाला था, क्योंकि सेना ने राइफलमैन नरपाल सिंह और नायक कृष्ण बहादुर थापा के सर्वोच्च बलिदान को याद किया.
राइफलमैन नरपाल सिंह, जो राम नगर डांडा, पोस्ट थानो, देहरादून के निवासी थे, और नायक कृष्ण बहादुर थापा, जो सेलाकुई, देहरादून के थे, ने 1999 के कारगिल युद्ध में देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी.
उनके परिवारों को सम्मान देना इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्र अपने वीर सपूतों के त्याग को कभी नहीं भूलता
यह सम्मान केवल स्मृति चिन्ह नहीं, बल्कि उनके अदम्य साहस और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को सलाम है