Public Health Engineers Training : एचआईएचटी में पब्लिक हेल्थ इंजीनयर्स की ट्रेनिंग आयोजित
Public Health Engineers Training
-उत्तराखंड जल संस्थान व पेयजल निगम के 31 पब्लिक हेल्थ इंजीनियर को किया जा रहा प्रशिक्षित
-केआरसी-जल जीवन मिशन के तहत पांच दिवसीय दी जा रही है ट्रेनिंग
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Public Health Engineers Training
डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट
की प्रयोजित संस्था हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी)
की ओर से जल जीवन मिशन के तहत 31 पब्लिक हेल्थ इंजीनियर को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में पहली बार आवासीय प्रशिक्षण आयोजित की जा रही है।
एचआईएचटी है जल शक्ति मंत्रालय के साथ सेक्टर पार्टनर
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि भारत सरकार के
जल शक्ति मंत्रालय ने एचआईएचटी को राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के
‘हर घर जल’ योजना के सेक्टर पार्टनर और केआरसी (की रिसोर्स सेंटर) के तौर पर नामित किया है।
यह एक दिन या महीने भर की मेहनत का नतीजा नहीं है,
बल्कि सालों से जल संरक्षण के क्षेत्र में एचआईएचटी टीम
के द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयास की सफलता है।
जल आपूर्ति व संरक्षण के लिए एसआरएचयू का ‘भगीरथ’ प्रयास
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि एसआरएचयू का जल आपूर्ति
व संरक्षण के लिए ‘भगीरथ’ प्रयास जारी है।
विश्वविद्यालय के कैंपस में रोजाना 07 लाख लीटर पानी
रिसाइकिल कर सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
संस्था द्वारा विश्वविद्यालय से बाहर भी उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के
550 से ज्यादा गांवों में स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता योजनाओं का निर्माण करावाया गया।
साथ ही 7000 हजार लीटर क्षमता के लिए 600 से ज्यादा जल संरक्षण
टैंकों का निर्माण एवं 71 ग्रामों में जल संवर्धन का कार्य करवाया गया है।
रोजाना 07 लाख लीटर पानी रिसाइकल
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि एसआरएचयू कैंपस में
करीब 1.25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया गया है।
इस प्लांट के माध्यम से 07 लाख लीटर पानी को रोजाना शोधित किया जाता है।
शोधित पानी को पुनः कैंपस में सिंचाई व बागवानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भविष्य में इस प्लांट की क्षमता बढ़ाकर इसी शोधित पानी को शौचालय
में भी इस्तेमाल को लेकर हम कार्य कर रहे हैं।
04 अक्टूबर से 08 अक्टूबर ट्रेनिंग आयोजित
एचआईएचटी में वाटर एंड सैनिटेशन (वाटसन) विभाग के इंचार्ज
नितेश कौशिक ने बताया की केआरसी (की रिसोर्स सेंटर) के रुप
में एचआईएचटी में उत्तराखंड में लेवल-2 की यह पहला आवासीय प्रशिक्षण है।
इसमें प्रदेश भऱ से उत्तराखंड जल संस्थान व पेयजल निगम के
31 पब्लिक हेल्थ इंजीनियर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
चार अक्टूबर से ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है, जिसका समापन आठ अक्टूबर को होगा।
पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर में उन्हें ‘हर घर जल’ योजना
के तहत नियोजन, संचालन व रखरखाव की बारीकी से जानकारी दी जा रही है।
ट्रेनिंग दे रहे विशेषज्ञों की कोर टीम
एचपी उनियाल, नितेश कौशिक, डॉ.एलएन ठकुराल, प्रो.सुमित सेन, एसटीएस लेप्चा, एसके गुप्ता, वीके सिन्हा, डॉ.राजीव बिजल्वाण