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31% है उत्तराखंड में तंबाकू के सेवन का प्रचलन

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( PRIYANKA SAINI)

– सभी उत्तरी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक, 44% पुरुष, 6% महिलाएं करती हैं तंबाकू का सेवन
-विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के उपलक्ष्य में एचआईएमएस ने तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति किया जागरुक
-एसआरएचयू के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से जागरुकता कार्यक्रम आयोजित

डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस दौरान हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में मौजूद लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई।

साथ ही तंबाकू का इस्तेमाल भी न करने की सलाह दी गई।

सोमवार को विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के उपलक्ष्य में हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से कोविड नियमों का पालन करते हुए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

विभागाध्यक्ष डॉ.जयंती सेमवाल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे स्टडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड राज्य में तंबाकू के सेवन का प्रचलन लगभग 31% है, जो सभी उत्तरी राज्यों में सबसे अधिक है।

44% पुरुष तंबाकू का उपयोग करते हैं, जबकि केवल 6% महिलाएं करती हैं।

विभाग की डॉ.दीप शिखा ने बताया कि तंबाकू का उपयोग कई पुरानी बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है, जिसमें कैंसर, फेफड़े की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक शामिल हैं।

यह भारत में मृत्यु और बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है और हर साल लगभग 1.35 मिलियन मौतों का कारण है।

कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के लिए एक ब्लॉग प्रतियोगिता और एक रील प्रतियोगिता भी आयोजित की,

जिसमें छात्रों को रचनात्मक तरीके से दिन के विषय को चित्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

डॉ.दीप शिखा, डॉ.प्रज्ञा सिंह, डॉ.दिव्या शर्मा आदि ने सहयोग दिया।

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