
मध्य प्रदेश के गुना जिले में रहने वाले पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी निर्विरोध सरपंच चुन ली गयी हैं उनके मुकाबले में कोई उम्मीदवार न होने से वह निर्वाचित घोषित की गयी हैं.
> 80 के दशक में किया था आत्मसमर्पण
> कोई उम्मीदवार नही आया मुकाबले में
> पति-पत्नी दोनों ने दाखिल किया था पर्चा
> पूर्व दस्यु मलखान ने नामांकन लिया वापस
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
गुना :
पति-पत्नी दोनों ने किया नामांकन
जानकारी के अनुसार पंचायत के चुनाव में पूर्व डाकुओं के सरदार मलखान सिंह और उनकी पत्नी दोनों ने सरपंच के लिए दावेदारी करते हुये पर्चा दाखिल किया था.
इन दोनों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति ने अपना पर्चा नही भरा स्क्रूटनी में दोनों के नामांकन सही पाये गये ऐसे में पति मलखान सिंह ने अपना पर्चा वापस ले लिया.
30 साल पहले मलखान सिंह इसी पंचायत के सरपंच रह चुके हैं.
पूरी पंचायत निर्विरोध चुनी गयी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के गुना जिले की आरोन तहसील के अंतर्गत सुनगयाई ग्राम पंचायत में पूर्व दस्यु मलखान सिंह की पत्नी ललिता सिंह सरपंच चुनी गयी हैं.
इस पंचायत में सरपंच सहित इस पंचायत के 12 वार्ड हैं सभी पद महिला के हैं इन सभी पदों पर निर्विरोध चुनाव हुआ है.
मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में घोषणा की गयी थी यदि किसी पंचायत में सरपंच और पंच सभी महिला निर्विरोध चुनी जाएं तो 15 लाख रुपये की राशि पंचायत को दी जायेगी.
सिनगयाई पंचायत पंचायत में 1200 ग्रामीण निवास करते हैं.
पत्रकारों से बातचीत करते हुये पूर्व दस्यु मलखान सिंह ने कहा कि उनकी ग्राम पंचायत में विकास नही हुआ है बिजली,सड़क-खड़ंजे जैसे विकास कार्य नही हुये हैं लेकिन अब सभी विकास कार्य होंगें.
और उठा ली थी बन्दूक
जानकारों के अनुसार बिलाव गांव के सरपंच कैलाश नारायण पंडित के साथ भूमि विवाद के चलते 1972 में मलखान सिंह ने बंदूक उठायी थी.
जिसके बाद चम्बल उनकी बंदूक की आवाज से गूंज उठा था.
15 जून 1982 को मलखान सिंह ने डकैती की दुनिया को अलविदा कहते हुए अपने गैंग के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था.
तब डाकुओं के सरदार के रूप में उनके सिर पर 70000 रुपये का इनाम था.
आत्मसमर्पण के बाद वह छह साल जेल रहे जिसके बाद उन्हें सभी आरोपों से बड़ी कर दिया था.
उन्होंने भाजपा का प्रचार भी किया लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने एक अन्य राजनैतिक दल का रुख करते हुए लोकसभा का चुनाव लड़ा जिसमें वो हार गये थे.