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( HEALTH ) हिमालयन हॉस्पिटल में नि:शुल्क कराएं फेफड़ो से संबंधित ये जाँच

हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में छाती एवं श्वास रोग से संबंधित मरीज पीएफटी की जांच नि:शुल्क करा सकते हैं।

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देहरादून : हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में छाती एवं श्वास रोग से संबंधित मरीज पीएफटी की जांच नि:शुल्क करा सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी ने यह जानकारी दी।

हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी ने बताया की रोगियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हॉस्पिटल की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं।

इसी कड़ी में एक नियत समयातरांल तक रोगियों के लिए पीएफटी जांच की नि:शुल्क सेवा रहेगी।

क्या होता है पीएफटी

वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ.राखी खंडूरी ने बताया कि

पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) फेफड़े और सांस से संबंधी

कई बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

इसे स्पाइरोमेट्री टेस्ट भी कहते हैं।

स्पाइरोमीटर मशीन की मदद यह टेस्ट किया जाता है।

मशीन से जुड़े माउथपीस को मरीज के मुंह में लगाकर सांस तेजी से खींचने और छोडऩे के लिए कहा जाता है।

किनके लिए जरुरी है ये टेस्ट

डॉ.वरुणा जेठानी ने बताया कि अस्थमा, सीओपीडी या ब्रॉन्काइटिस के अलावा सांस लेने में तकलीफ,

सीने में भारीपन, दर्द या अक्सर कफ की शिकायत रहने पर पीएफटी कराने की सलाह दी जाती है।

कई मामलों में डॉक्टर स्मोकिंग या धूल भरे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का भी पीएफटी कराते हैं।

कुछ विशेष प्रकार की सर्जरी व दवाओं का असर जांचने के लिए भी यह टेस्ट किया जाता है।

पीएफटी की रिपोर्ट

पीएफटी की रिपोर्ट अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस इंफेक्शन और

क्रानिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज समेत फेफड़ों से जुड़ी बिमारियों की जानकारी देती है।

यह ऐसी जांच है जो अस्थमा व सीओपीडी के बीच का अंतर बताती है

क्योंकि अस्थमा और सीओपीडी के लक्षण एक जैसे होते हैं।

पीएफटी सांस उखड़ने और फेफड़ों में कैमिकल्स के दुष्प्रभाव की भी जानकारी देती है।

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