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शिक्षा महानिदेशालय के प्रस्ताव का विरोध,शिक्षकों में गुस्सा

Opposition to the proposal of Directorate General of Education, anger among teachers

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड शिक्षा महानिदेशालय ने कथित तौर पर खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और उप शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के रिक्त पदों का प्रभार मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों (सीईओ) को देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

इस प्रस्ताव का शिक्षकों में भारी विरोध हो रहा है।

किसने क्या कहा ?

शिक्षक संगठनों और शिक्षाविदों ने इसे शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।

चंद्र प्रकाश पाल, पूर्व संयुक्त मंत्री उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ देहरादून:

“यह प्रस्ताव शिक्षा व्यवस्था को चलाने के लिए किसी भी प्रकार से न्यायसंगत नहीं है।

मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के पास बीईओ और डीईओ के कार्यों को करने के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता और अनुभव नहीं है।”

संदीप सोलंकी, पूर्व अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ रायपुर:

“शिक्षक संगठनों ने सदैव प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को बढ़ाने का कार्य किया है।

खंड शिक्षा अधिकारी और उप शिक्षा अधिकारी के रिक्त पदों की समस्या पर निदेशालय और महानिदेशालय को संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता करनी चाहिए।”

गोविंद सिंह रावत, पूर्व जिला उपमंत्री उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ देहरादून:

“शिक्षकों को खंड शिक्षा अधिकारी एवं उप शिक्षा अधिकारी का प्रभार देने पर किसी प्रकार का आर्थिक भार शासन-सरकार पर नहीं होगा

और साथ ही योग्य, अनुभवी, नेतृत्व क्षमता की व्यवस्था में निपुण शिक्षकों के हाथों में शिक्षा व्यवस्था जाने पर शिक्षा की व्यवस्था में बहुत ही सुधार और गुणवत्ता आएगी।”

शिक्षकों की मांगें:

1 बीईओ और डीईओ के रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाए।

2 शिक्षकों को प्रशिक्षण और क्षमता विकास के माध्यम से बीईओ और डीईओ के कार्यों के लिए तैयार किया जाए।

3 शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षकों और शिक्षक संगठनों से परामर्श किया जाए।

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