पूर्व प्रधान ने की डोईवाला में “झुलसा रोग” से फसल बचाने को सतर्क रहने की अपील
Former Pradhan appealed to be cautious to save crops from "Blight Disease" in Doiwala
देहरादून,3 दिसंबर 2024 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए किसानों को समय से दवा का छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
पाले के मौसम में आलू में झुलसा रोग तेजी से फैलता है,
जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है।
पूर्व प्रधान कृषक फेडरेशन अध्यक्ष उमेद बोरा ने कहा कि आलू के साथ सरसों की फसल भी तैयार होने को है।
किसानों को दोनों फसलों को बचाने के लिए समय पर दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं
जैविक खेती पर जोर
वहीं, आलू किसान बहादुर बोरा ने बताया कि वह जैविक तरीके से आलू की खेती कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अच्छा बीज, समय पर बुवाई और नियमित सिंचाई के साथ बिना दवा के भी आलू की खेती की जा सकती है।
जैविक आलू की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
साथ ही, आलू की फसल गन्ने की बुवाई के लिए भी फायदेमंद होती है। इससे खेत में फसल चक्र बनता है और गन्ने की पैदावार भी बढ़ती है।
किसानों को सलाह
समय पर दवा का छिड़काव: आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए किसानों को समय-समय पर दवा का छिड़काव करना चाहिए।
जैविक खेती को अपनाएं: जैविक तरीके से आलू की खेती करने से दवाओं के खर्च से बचा जा सकता है और उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
फसल चक्र अपनाएं: आलू के बाद गन्ने की खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल चक्र भी बनता है।
उमेद बोरा, पूर्व प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता कृषक फेडरेशन अध्यक्ष ने किसानों से अपील की है कि वे आलू की फसल को बचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें।