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पदम् श्री सिंधुताई का अवसान मानवीय सेवा के लिए अपूर्णीय क्षति- डॉ. विजय धस्माना

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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : महाराष्ट्र की मदर टेरेसा से ख्याति प्राप्त व पदम् श्री सम्मानित सिंधुताई सपकाल के निधन पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने दुःख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर समाज के लिए किए गए उनके कार्यों को याद किया।

कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि 13 नवंबर 2012 को HIHT के इतिहास में वो गौरवमयी व यादगार दिन था जब स्व.सिंधुताई सपकाल को संस्थापक डॉ.स्वामी राम जी के नाम से स्थापित स्वामी राम मानवता पुरस्कार से अलंकृत किया गया था।

कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि उन्हें कई अनाथ बच्चों की ‘माई’ के तौर पर याद किया जाएगा। साथ ही आदिवासी समुदायों के अधिकारों और पुनर्वास के लिए किए उनके कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेंगे।

स्व.सिंधुताई सपकाल का अवसान मानवीय सेवा के क्षेत्र में समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।

बेघर बच्चों की देखरेख करने वाली सिंधुताई के लिए कहा जाता है कि इनके 1500 बच्चे, 150 से ज्यादा बहुएं और 300 से ज्यादा दामाद हैं।

सिंधु ताई ने अपनी जिंदगी अनाथ बच्चों की सेवा में गुजारी दी, उनका पेट भरने के लिए कभी ट्रेनों में भीख तक मांगी।

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