
> एम्स दिल्ली का सर्वर बीते 6 दिनों से है ठप्प
> पूर्व प्रधानमंत्री सहित कईं वीआईपी का डेटा स्टोर
>करोड़ों मरीजों के डेटा लीक होने का है खतरा
>सर्वर वायरस हटाने में जुटी है एनआईसी की टीम
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
नई दिल्ली : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर कल छठे दिन भी डाउन रहा है.
इस मामले में हैकर्स के द्वारा कथित तौर पर 200 करोड़ की मांग की गयी है यह मांग क्रिप्टोकरेन्सी में की गयी हालांकि दिल्ली पुलिस ने ऐसी किसी भी जानकारी से इंकार किया है.
इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है.
सर्वर हैक होने से करोड़ों मरीजों का डेटा लीक होने का खतरा है एम्स सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों सहित कई वीआईपी का डेटा मौजूद है.
आपात स्थिति में रोगी देखभाल सेवाएं, आउट पेशेंट, इन पेशेंट और प्रयोगशाला विंग को मैन्युअल रूप से चलाया जा रहा है जांच एजेंसियों की सिफारिशों पर अस्पताल में कंप्यूटरों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
एम्स के नेटवर्क को सेनिटाइज करने का काम किया जा रहा है. सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटीवायरस का उपयोग किया जा रहा है. फिलहाल एनआईसी ई-हॉस्पिटल डेटाबेस और ई-हॉस्पिटल के लिए एप्लिकेशन सर्वर बहाल कर दिए गए हैं.