“आसमान से उतरी राहत”,उत्तरकाशी में हेली एंबुलेंस ने बचाया जीवन
"Relief descended from the sky", Heli ambulance saved life in Uttarkashi
देहरादून,16 दिसंबर 2024 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : एम्स, ऋषिकेश द्वारा संचालित देश की पहली सरकारी हेली एंबुलेंस सेवा ने एक बार फिर एक जीवन बचाया है।
उत्तरकाशी जिले के जोशियाड़ा क्षेत्र से एक प्रसूता को हाई-रिस्क प्रसव के लिए एम्स ऋषिकेश लाया गया,
जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने सफलतापूर्वक एक सर्जरी करके मां और बच्चे को सुरक्षित बचा लिया।
हाई-रिस्क प्रसव में हेली एंबुलेंस ने निभाई अहम भूमिका:
बीते शनिवार को उत्तरकाशी के जोशियाड़ा हेलीपैड से एक गर्भवती महिला को हाई-रिस्क प्रसव के कारण एम्स ऋषिकेश लाया गया।
प्रसूति विभाग की विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. ओम कुमारी ने बताया कि उक्त क्षेत्र में महिला को दी जाने वाली शल्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी,
इसलिए उन्हें एम्स रेफर किया गया।
हेली एंबुलेंस में डॉ. ओम कुमारी और ट्रॉमा एसएनओ अखिलेश उनियाल की टीम के साथ महिला को एम्स लाया गया।
एम्स के विशेषज्ञों ने किया सफल ऑपरेशन:
एम्स के प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया
और मां और बच्चे को सुरक्षित बचा लिया।
चिकित्सकों ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
हालांकि, हाई-रिस्क सर्जरी के कारण महिला को कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रखा जाएगा।
हेली एंबुलेंस सेवा: गंभीर मरीजों के लिए वरदान
एम्स की हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि यह सेवा राज्य सरकार द्वारा समर्थित है
और गंभीर मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से निशुल्क है।
वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अखिलेश उनियाल ने बताया कि दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल या अत्यधिक बीमार मरीज इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
हेली एंबुलेंस सेवा का दायरा:
यह हेली एंबुलेंस सेवा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के आपदा प्रबंधन कार्यालयों के माध्यम से एम्स के हेली एंबुलेंस कंट्रोल रूम से जुड़ी हुई है।
इससे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल पाएंगी।
प्रधानमंत्री ने किया था शुभारंभ:
गौरतलब है कि एम्स, ऋषिकेश द्वारा संचालित संजीवनी हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस (हेम्स) का शुभारंभ 29 अक्टूबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
इस सेवा के माध्यम से उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से गंभीर मरीजों को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है।