उत्तराखंड में ‘झोलाछाप क्लिनिक’ और ‘बिना फार्मासिस्ट के संचालित मेडिकल स्टोर’ पर कार्रवाई की मांग

> मरीजों के स्वास्थ्य से हो रहा है खिलवाड़
> बिना फार्मासिस्ट के चल रहे मेडिकल स्टोर
> झोलाछाप डॉक्टर दे रहे मरीज को गलत दवा
> गर्भपात की दवा का योग्य व्यक्ति द्वारा देना जरुरी
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक संघ उत्तराखंड के द्वारा प्रदेश में फार्मासिस्ट की फिजिकल अनुपस्थिति में संचालित मेडिकल स्टोर वा झोलाछाप व्यक्ति द्वारा चलाए जा रहे क्लीनिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है.
आज बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड के ड्रग्स कंट्रोलर को एक ज्ञापन सौंपा गया.
जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड प्रदेश में फार्मासिस्ट की भौतिक अनुपस्थिति में जो मेडिकल स्टोर चलाए जा रहे हैं वह एक गंभीर अनियमितता का विषय है झोलाछाप व्यक्तियों के द्वारा क्लीनिक और दवा वितरण केंद्रों पर फार्मेसी एक्ट 1948 ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत कार्रवाई की जाए.
मांग की गई है कि ऐसे स्थानों पर योग्य फार्मासिस्ट नियुक्त करवाए जाएं.
बिना लाइसेंस और बिना फार्मासिस्ट के संचालित सभी मेडिकल स्टोर बंद करवाए जाएं.
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में लगभग 21000 रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट है जबकि पूरे प्रदेश में व्यापक पैमाने पर फार्मेसी एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है तथा एक्ट का व्यापक पैमाने पर उल्लंघन हो रहा है.
जिस पर विभाग और विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है.
दवा वितरण केंद्रों व मेडिकल स्टोर पर कानूनन केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट दवा वितरण कर सकता है.
यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो छह माह का कारावास व ₹1000 जुर्माने का प्रावधान है.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर सिंह रावत ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि प्रदेश में अयोग्य व्यक्तियों द्वारा दवा वितरण किया जा रहा है.
गर्भपात करने वाली दवा डॉक्टर की देखरेख में फार्मासिस्ट द्वारा दी जाती है लेकिन कई मामलों में अयोग्य व्यक्तियों द्वारा ऐसी दवा बांटी जा रही है जिससे अनियमितता के मामले सामने आ रहे हैं.
ऐसे मामलों में मरीजों की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और कभी-कभी कुछ मामलों में मरीजों की जान तक भी खतरा आ जाता है.
यह एक प्रकार से दवाइयों का दुरुपयोग हो रहा है जिस पर संबंधित विभाग द्वारा गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए कड़े कदम उठाने चाहिए जिससे मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो और मरीजों को सही हाथों में योग्य व्यक्ति के द्वारा ही दवा का वितरण हो सके.
श्री रावत ने कहा कि देश व प्रदेश में हजारों लाखों मरीज गलत दवा, गलत खुराक, गलत समय व गलत सेवन से मौत के शिकार हो जाते हैं.
यदि समय-समय पर विभाग व विभागीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें तो इन मामलों में कमी लाई जा सकती है.
मरीजों के स्वास्थ्य के साथ होने वाले खिलवाड़ को भी रोका जा सकता है और मरीजों के अमूल्य जीवन को भी बचाया जा सकता है.
ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि इस विषय को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए सभी मेडिकल स्टोर व झोलाछाप क्लिनिक की जांच करते हुए उचित कार्रवाई की जाए.