Dehradun

डोईवाला की राधिका जोशी और जागृति स्वयं सहायता समूह की सफलता गाथा

Success story of Radhika Joshi and Jagriti Self Help Group of Doiwala

 

देहरादून,24 दिसंबर 2024 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : National Rural Livelihood Mission राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सफलता क्लस्टर फेडरेशन स्वायत्त सहकारिता के तहत कार्यरत जागृति स्वयं सहायता समूह, नागल बुलंदावाला, डोईवाला में महिला सशक्तिकरण का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

मारखम ग्रांट न्याय पंचायत की 650 से अधिक महिलाएं इस क्लस्टर से जुड़कर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर हैं।

नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन (NRLM) के तहत संचालित इस क्लस्टर को सरकार से महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।

प्रत्येक समूह को सीआईएफ (CIF) के रूप में ₹75,000 तथा मुख्यमंत्री फंड से रोजगार प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹12,000 की सहायता दी जाती है।

आरती पांडे ने “ऐपण कला” में बनायी पहचान

डोईवाला के किशनपुर ग्रांट की निवासी आरती पांडे ने एपण कला में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

‘लखपति दीदी’ के नाम से प्रसिद्ध आरती पांडे ने पारंपरिक एपण कला को आजीविका का साधन बनाकर एक अनूठी मिसाल कायम की है।

राधिका जोशी का योगदान और उपलब्धियां

राधिका जोशी, जो वर्तमान में प्रोफेशनल इंटरनल रिसोर्स पर्सन और सक्रिय महिला कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं,

ने अपनी प्रतिभा और कर्मठता से एक मिसाल कायम की है।

उन्होंने पारंपरिक कला को आधुनिक बाजार की मांग से जोड़ते हुए विविध उत्पादों का निर्माण किया है,

जिनमें करवा चौथ सेट, ऐपण राखी, ऐपण कैनवास पेंटिंग, पूजा थाल,ऐपण दीये और ऐपण नेम प्लेट प्रमुख हैं।

इन उत्पादों से उन्हें वार्षिक ₹56,200 का शुद्ध लाभ प्राप्त होता है,

जिससे उनकी मासिक आय ₹4,000-4,500 तक पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री धामी ने की सराहना

महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र और उत्तराखंड सरकार निरंतर प्रयासरत है

सरकार का प्रयास है कि महिलाओं को आर्थिक और सामजिक तौर पर सशक्त किया जाये

बीते दिनों लगे सरस मेले में महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा भी तैयार किये गये उत्पादों का स्टॉल लगाया गया

इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनके स्टॉल का अवलोकन किया

सीएम धामी ने महिला स्वयं सहायता समूह के तैयार उत्पादों को लेकर उनकी सराहना की है

प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

राधिका के नेतृत्व में स्वयं सहायता समूह न केवल आर्थिक गतिविधियों में संलग्न है,

बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण का एक मजबूत माध्यम भी बन गया है।

नियमित बैठकें, बचत और ऋण गतिविधियां, कौशल विकास प्रशिक्षण और उत्पाद विपणन रणनीतियां समूह की प्रमुख गतिविधियां हैं।

भविष्य में समूह डिजिटल मार्केटिंग की ओर कदम बढ़ाने, नए सदस्यों को जोड़ने और उत्पाद विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहा है।

सफलता के मूल मंत्र

राधिका का मानना है कि सफलता का मूल मंत्र सरकारी योजनाओं का प्रभावी उपयोग, समूह की एकजुटता, नियमित बचत और निवेश, तथा कौशल आधारित व्यवसाय है।

उनके अनुसार, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नियमित प्रशिक्षण, बाजार अध्ययन, उत्पाद गुणवत्ता में निरंतर सुधार और डिजिटल साक्षरता आवश्यक है।

उनका यह प्रयास न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है,
बल्कि पारंपरिक कला और संस्कृति के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

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