“राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में आयोजित हुये कार्यक्रम
Programs organized at Swami Ram Himalayan University on "National Space Day"
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (नासी) के उत्तराखंड चैप्टर देहरादून के सहयोग से पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया।
इस वर्ष के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की थीम “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा” है, जो भारत की अंतरिक्ष यात्रा और उसके जीवन पर प्रभाव को दर्शाती है।
इस अवसर पर हिमालयन स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज में “छूनाः भारत की अंतरिक्ष गाथा” विषय पर रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता परिणाम:
पोस्टर प्रतियोगिता:
– प्रथम: माही
– द्वितीय: सृष्टि, खुशबू, वैभवी
– तृतीय: आंचल
रंगोली प्रतियोगिता:
– प्रथम: कुमकुम, वंदना, सांधता
– द्वितीय: ऋतु, रिंकी, संजना
– तृतीय: वर्षा, किरनजोत, रक्षिता, शगुन
विजेताओं को एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने नगद पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. डोभाल ने कहा कि 23 अगस्त 2024 को पहली बार राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है,
जो चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को समर्पित है।
उन्होंने बताया कि इसी दिन इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था।
डॉ. डोभाल ने कहा, “चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बना दिया है।
इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के समर्पण और कड़ी मेहनत के दम पर हमने यह उपलब्धि हासिल की है।”
उन्होंने आगे बताया कि भारत अब अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर लगातार मानव ज्ञान और रचनात्मकता की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है।
अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों का फायदा चिकित्सा से लेकर तकनीक तक विभिन्न क्षेत्रों में आम आदमी को मिल रहा है।
कार्यक्रम में डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. निक्कू यादव, डॉ. विकास जादौन, डॉ. विजय कुमार, डॉ. गीता भंडारी, और डॉ. नुपुर जोशी जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविद भी उपस्थित थे।