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कोरोना की मोबाइल टेस्ट वैन जल्द शुरू,उत्तराखंड को केंद्र से 183 मीट्रिक टन ऑक्सीजन एलोकेट : मुख्य सचिव

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देहरादून : कोविड-19 की स्थिति को लेकर सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की गई।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि एक ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड में 10 ली. प्रति मिनट दर से
और आईसीयू बेड के लिए 24 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।

इस प्रकार इन बेड्स के लिए राज्य सरकार को 165.18 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी।

भारत सरकार ने 183 मीट्रिक टन उत्तराखंड को अलोकेट किया है।

अभी जो बेड उपयोग में आ रहे हैं, उनके लिए 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है

और हमें प्रतिदिन 126 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध होती है।

हाॅस्पिटल्स में जो प्लांट लगे हैं, उनसे 5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही है।

अस्पतालों में और भी प्लांट लग रहे हैं, जिनसे 4 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि जब भी लक्षण दिखना शुरू हो, तत्काल उपचार करवाएं तो कोविड के मामलों और मौत के आंकड़ों में कमी आ सकती है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आईसीयू की जरूरत नहीं है, और अगर वे इसका उपयोग कर रहे हैं, उनकी निगरानी के लिए एक समिति गठित की गई है, जो हाॅस्पिटल्स की निगरानी करेगी।

वैक्सीन को लेकर उन्होंने बताय कि हमें 1 लाख वैक्सीनेशन प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यकता है।

हमने भारत सरकार को लिखा है कि राज्य सरकार अगर बाहर से सीधे वैक्सीन आयात कर सकती है तो उसके लिए हमें अनुज्ञा दी जाए।

बहुत जल्द हम मोबाइल टेस्टिंग वैन भी शुरू करेंगे, जो दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जाकर मरीजों की पहचान करेगी और वहीं उनकी जांच करेगी, इससे उन्हें उपचार के लिए शहर आने की आवश्यकता नहीं होगी।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि रेमडिसिविर को क्लिनिकल प्रोटोकाॅल के अनुसार ही उपयोग किया जाएगा। प्रतिदिन 25 से 30 हजार लोगों की जांच की जा रही है और हम इसे बरकरार रखेंगे।

हमारा प्रयास है कि आरटीपीसीआर के साथ ही रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा करे, जिससे लक्षण वाले लोगों को 15 मिनट में रिपोर्ट मिल सकेगी।
पंकज पांडे ने बताया कि टेस्टिंग और रिजल्ट में अंतर आने को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी टेस्ट करवाएगा, उसे तुरंत दवाई दे देंगे, उसके लिए रिजल्ट का इंतजार नहीं करेंगे।

यह व्यवस्था हर जनपद में लागू हो गई है और किट बंटना शुरू हो गई है। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य मौत के आंकड़ों को कम करना है।

उन्होंने बताया कि रेमडिसिविर के भाव भारत सरकार ने तय किए हैं। जितने रूपए में सरकार को यह उपलब्ध हो रहा है, उतने ही रूपयों में निजी अस्पतालों को भी ट्रांसफर हो रहा है।

हमने निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिए हैं कि जनता को भी उतने ही रूपए में रेमडिसिविर उपलब्ध करवाए जाएं, जितने में हमने उन्हें दिया है।

अमित सिन्हा ने बताया कि जब से अभियान शुरू हुआ है, अब तक 1150 सूचनाओं पर धरपकड़ की जा चुकी है । उन्होंने बताया कि मिशन हौसला के अंतर्गत डीएम के साथ पुलिस सामंजस्य कर ऑक्सीजन और अन्य सुविधाएं जनता को उपलबध करवा रही है।

उन्होंने बताया कि अब तक 22 एफआईआर हो चुकी है, जिसके तहत 33 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और 194 रिकवरी हुई है।

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