सीताराम येचुरी के निधन पर डोईवाला में आयोजित की गयी श्रद्धांजलि सभा
A condolence meeting was organised in Doiwala on the demise of Sitaram Yechury
देहरादून ( आर पी सिंह ) : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर आज डोईवाला में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया
अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा गन्ना समिति के किसान भवन में सीताराम येचुरी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता दलजीत सिंह और संचालन मण्डल उपाध्यक्ष जाहिद अंजुम ने किया।
मौके पर उपस्थित सभी व्यक्तियों ने सीताराम येचुरी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि सीताराम येचुरी न सिर्फ माकपा के राष्ट्रीय महासचिव थे बल्कि वह सर्वहारा वर्ग के अग्रनीय नेता थे।
जिन्होंने पूरा जीवन देश के गरीब मजदूर वर्ग,किसान और समाजवादी क्रांति के लिए समर्पित कर दिया।
डॉ सुमेर चंद्र रवि ने कहा कि सीताराम येचुरी ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे
जो हर राजनीतिक दलों के दिलों में बसते थे उनके जाने से पार्टी के अलावा देश को भी बहुत हानि हुई।
गन्ना समिति के अध्यक्ष मनोज नौटियाल ने कहा की सीताराम येचुरी ने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया
उन्होंने कहा उनकी भूमिका विपक्ष को मजबूत करने के लिए हमेशा तत्पर रहती थी ।
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ताजेंद्र सिंह व किसान सभा मंडल अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा कि सीताराम येचुरी ने हमेशा एक परिपक़्व राजनेता के रूप में अपने को प्रदर्शित किया
उनके जाने से वामपंथ की हानि के साथ-साथ एक अच्छे समाज सुधारक समाजवादी चिंतक की भी हानि हुई है।
समाजवादी पार्टी के नेता फुरकान अहमद कुरेशी और कृषक फेडरेशन के अध्यक्ष उमेद बोरा ने कहा है कि सीताराम येचुरी सभी राजनीतिक दलों के दिलों की धड़कन थी
उन्होंने कहा जब भी वह देहरादून आते थे उनके भाषण को सुनने के लिए माकपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी बहुत कोशिश के साथ जाते थे
उनके बयानों को सुनकर उनसे प्रेरणा लेते थे।
किसान सभा मंडल उपाध्यक्ष जाहिद अंजुम व मंडल सचिव व सीपीआई (एम )जिला कमेटी सदस्य याकूब अली ने कहा कि सीताराम येचुरी नौजवानों के दिलो की धड़कन थी
वह हमेशा राजनीति में नौजवानों को लाने के पक्षधर रहे।
उन्होंने कहा कि 12 अगस्त 1952 को तमिलनाडु मे जन्मे सीताराम येचुरी ने 1974 मे जेएनयू से अपने राजनितिक सफर का आगाज किया
1975 से 1977 तक तीन बार स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के नेतृत्व मे अध्यक्ष पद पर आसीन रहे
1975 मे भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सदस्य बने।
उन्होंने ईएमएस नंबूदरीपाद और हरकिशन सिंह सुरजीत जैसे दिग्गज नेताओं के साथ मिलकर काम किया जिससे पार्टी की बारीकीयों को सिखने का उन्हें मौका मिला।
और 1996 मे केंद्र में बनने वाली संयुक्त मोर्चा की सरकार एवं 2004 मे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ( यूपीए ) की सरकार बनाने में अहम रोल अदा किया।
उन्होंने कहा कि सीताराम येचुरी बहुत ही प्रतिभाशाली के धनी थे
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में उनके सफर को हमेशा याद किया जाएगा।
सभा के अंत में उपस्थित लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा मे मुख्य रूप से दिलीप सिंह अध्यापक, हरबंस सिंह गुरुजी, जसवीर सिंह,अनूप कुमार पाल, नरेंद्र सिंह, मलकीत सिंह,मोहम्मद अकरम,कार्तिक कुमार आदि सहित काफ़ी संख्या मे लोग उपस्थित हुए।