देहरादून में 1 करोड़ के दुर्लभ ‘दो-मुंहा’ सांप सहित 3 आरोपी गिरफ्तार
3 accused arrested including rare 'two-headed' snake worth Rs 1 crore in Dehradun

देहरादून,2 मई ,2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : देहरादून पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय वन्यजीव तस्करी गिरोह “लाडवा गैंग” के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
इस गिरोह पर संरक्षित प्रजाति के Red Sand Boa (Eryx johnii) सांप की तस्करी का आरोप है,
जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आँकी गई है।
पुलिस को एसएसपी देहरादून को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर यह कार्रवाई करनी पड़ी,
जिसमें तस्करों को नहर रोड, विकासनगर के पास एक बिना नंबर प्लेट वाली स्विफ्ट कार में घेर लिया गया।
तांत्रिक क्रियाओं के लिए तस्करी:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून को इस गिरोह के सदस्यों द्वारा तांत्रिक क्रियाओं के लिए भारी कीमत पर इस सांप को बेचने की साजिश के बारे में गोपनीय सूचना मिली थी।
इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर इन तस्करों को धर दबोचा।
विकासनगर में धर दबोचे गए तस्कर:
थाना विकास नगर पुलिस को 2 मई 2025 को सूचना मिली
कि हरियाणा का एक अंतरराष्ट्रीय संरक्षित पशु तस्कर गिरोह “लाडवा गैंग” के तीन सदस्य नहर रोड स्थित कूड़ा घाटी मार्ग विकासनगर में एक बिना नंबर की सफेद स्विफ्ट कार में एक दुर्लभ रेड सैंड बोआ सांप के साथ मौजूद हैं
और उसे बेचने की फिराक में हैं
एसएसपी देहरादून के निर्देश पर तत्काल एक पुलिस टीम का गठन किया गया।
पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुल नंबर-2 के पास घेराबंदी कर तीनों व्यक्तियों को उनकी कार सहित पकड़ लिया।
तलाशी के दौरान कार की पिछली सीट पर रखे एक बैग से एक जीवित दो मुंहा सांप (रेड सैंड बोआ) बरामद हुआ।
पकड़े गए व्यक्तियों से जब इस सांप के बारे में पूछताछ की गई तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने कबूल किया कि वे इस सांप को हरियाणा से देहरादून ऊंचे दामों पर तांत्रिक क्रियाओं के लिए बेचने लाए थे।
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है
और उन्होंने स्वयं को “लाडवा गैंग” का सदस्य बताया।
Red Sand Boa सांप का महत्व एवं कानूनी प्रावधान
वैज्ञानिक नाम: Eryx johnii (लोकप्रिय नाम: दो-मुंहा सांप)
संरक्षण स्थिति: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1, Part-C में शामिल।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग:
तांत्रिक विश्वासों के कारण इस सांप की अंधविश्वासी लोगों में बहुत मांग है।
कथित तौर पर इसे “काला जादू” और धन-समृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है।
विदेशों में इसकी कीमत 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
कानूनी दंड:
इसका शिकार, व्यापार या परिवहन कानूनन अपराध है।
वन विभाग की भूमिका एवं भविष्य की कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने सांप की पुष्टि की और इसे सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया।
पुलिस द्वारा आगे की जाँच:
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश।
अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का पता लगाना।
बरामद कार के मालिकाना हक की जांच।
वन विभाग ने की सांप की पहचान, मामला दर्ज:
मौके पर वन विभाग की टीम को बुलाया गया।
वन विभाग के अधिकारियों ने बरामद सांप की पहचान रेड सैंड बोआ (एरीक्स जॉनी) के रूप में की।
उन्होंने बताया कि यह प्रजाति वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 (यथा संशोधित 2022) की अनुसूची-1 के पार्ट सी सरीसर्प की क्रम संख्या 01 पर सूचीबद्ध है
और इस अधिनियम के तहत संरक्षित है
इसका शिकार, व्यापार, संग्रहण और परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित और दंडनीय अपराध है
संरक्षित सांप बरामद होने पर तीनों अभियुक्तों को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39, 48, 49बी और 51 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया
अभियुक्तों के विरुद्ध कोतवाली विकासनगर में अभियोग पंजीकृत किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण:
अनिल कुमार पुत्र केवल कृष्ण, उम्र 40 वर्ष, निवासी मोहल्ला महावीर कॉलोनी, मकान संख्या 98, थाना लाडवा, जिला कुरुक्षेत्र (हरियाणा)।
अशोक कुमार पुत्र ओमप्रकाश, उम्र 50 वर्ष, निवासी ग्राम जयरामपुर, थाना बुढ़िया, जिला यमुनानगर (हरियाणा)।
संदीप कुमार पुत्र इन्द्र सिंह, उम्र 41 वर्ष, निवासी मोहल्ला चकालन, धीरवाली, ज्वालापुर, हरिद्वार (उत्तराखंड)।
बरामदगी का विवरण:
एक जीवित रेड सैंड बोआ (एरीक्स जॉनी) सांप, संरक्षित प्रजाति (Schedule-I Part-C, WLP Act 1972)।
घटना में प्रयुक्त एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार (Chassis No. MBHZCDESKSB278728)।
Police team
इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक विनोद सिंह गुसाईं, उपनिरीक्षक संदीप कुमार, उपनिरीक्षक संदीप पंवार, कांस्टेबल वीर सिंह और कांस्टेबल रजनीश शामिल थे।
वन विभाग की टीम में वन दरोगा सतपाल सिंह, वन आरक्षी इंतजार अहमद और उपनल कर्मचारी आदिल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस घटना ने वन्यजीव तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जड़ों को उजागर किया है
और पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके संपर्कों के बारे में जानकारी जुटाने में जुट गई है।