( प्रशासन में हड़कंप ) “सेव थानों–सेव फारेस्ट–सेव ट्रीज” मुहीम में सड़क पर उतरे कईं संगठन,एयरपोर्ट निदेशक बोले मानक के अनुरूप है सब

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देहरादून : बीते दिन दृष्टिकोण समिति के द्वारा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए
बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने के विरोध ने देखते ही देखते आज बड़ा रूप ले लिया।
जिससे स्थानीय प्रशासन भी हैरत में है।
दरअसल ये विभिन्न संगठन मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो रेल शेड के लिए 2700 पेड़ काटे जाने के विरोध की तर्ज पर आगे बढ़ना चाहते हैं। (हालांकि इस मामले में मुंबई हाई कोर्ट ने आरे काॅलाेनी से जुड़ी एनजीओ और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चार याचिकाएं खारिज कर दी थी।)
आज जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर कई संगठनों और पर्यावरण प्रेमी जौली ग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 10,000 पेड़ों को बचाने के लिए आगे आए ।
जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर दृष्टिकोण समिति, हिमालय पुत्र,
ए एस के ग्रुप, मिट्टी फाउंडेशन, एचएसआई, मैड फाउंडेशन,
एफ एफ आई संगठन और आम नागरिकों ने पेड़ों को
बचाने के लिए मानव श्रृंखला (Human Chain) बनाई और पेड़ो को रक्षा सूत्र बांधा ।
आज सुबह से ही जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर भीड़ जुटने शुरू हो गई थी।
दृष्टिकोण समिति के अध्यक्ष मोहित उनियाल ने कहा कि जॉली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए दस हज़ार पेडों को काटने की तैयारी की जा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है ।
उन्होंने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि जिस दिन भी जौली ग्रांट एयरपोर्ट के एक पेड़ पर भी आरी चली तो उस पेड़ से पहले हमारे ऊपर सरकार को आरी चलानी पड़ेगी।
क्या कहा एयरपोर्ट निदेशक डी.के. गौतम ने :—
मीडिया को जारी एक बयान में देहरादून एयरपोर्ट के निदेशक डी.के. गौतम ने कहा कि,”सेव थानों,सेव फारेस्ट,सेव ट्रीज” नाम से सोशल मीडिया में देहरादून एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ एक नकारात्मक प्रचार चलाया जा रहा है।
यह तथ्य और आंकड़ों से अनभिज्ञ,अल्पज्ञ,मुठ्ठी भर व्यक्तियों का कार्य प्रतीत होता है।
यह स्पष्ट किया जाता है कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की सभी गाइडलाइन का राज्य सरकार द्वारा पूर्णतः पालन किया गया है।
वैकल्पिक स्थान पर काटे जा रहे पेड़ों के बदले वृक्षारोपण पर्यावरण के प्रति सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मेड एनजीओ से करण कपूर ने बताया कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए पूर्व में भी वन के बड़े हिस्से को खत्म किया गया है और अब वन विभाग द्वारा शिवालिक एलीफैंट रिज़र्व के 215 एकड़ वन भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रस्ताव के मुताबिक इसमें कुल 9745 पेड़ कटेंगे जिसमे खैर,शीशम,सागौन, गुलमोहर व कई अन्य प्रजाति के पेड़ काटने का प्रस्ताव भेजा गया है ।
पर्यावरण प्रेमी विनोद बगियाल ने कहा की पेड़ो के कटान से वन में मौजूद हाथी,गुलदार,चीतल,सांभर व अन्य वन्य जीवों के भविष्य के लिए बड़ा खतरा पैदा होगा।
यही नही एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए दी जाने वाली जमीन राजाजी नेशनल पार्क के इको सेंसेटिव जोन के 10 किमी के दायरे में पड़ती है और इसके 3 किमी के दायरे में एलीफैंट कॉरिडोर है।
इतनी भारी संख्या में पेड़ो के कटने से डोईवाला व देहरादून क्षेत्र के मौसम में भारी बदलाव होगा जिससे बड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है ।
प्रतीक बहुगुणा ने कहा कि,एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 10000 काटने की तैयारी कर रहा है धीरे धीरे उत्तराखंड में सारे पेड़ और जंगल काट दिए जाएंगे तब उत्तराखंड दिल्ली और मुंबई से ज्यादा प्रदूषित हो जाएगा।
विरोध प्रदर्शन में दृष्टिकोण समिति के अध्यक्ष मोहित उनियाल, मनीष यादव,अमित सैनी,रवि बिष्ट,राहुल सैनी,उदय उनियाल,सलोनी रावत,सावन राठौर,
आशिक़ अली,शुभम काम्बोज,आसिफ हसन,अनीश अहमद,आरिफ अली,लुक़मान अहमद,सतनाम सिंह,सूरज भट्ट,आशीष चमोली,प्रतीक बहुगुणाआयुष जोशी,राजन थापा, हर्षित उनियाल, आदि उपस्थित थे ।