Farmers Law be Repealed : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “तीनों कृषि कानून” वापस लेने की करी घोषणा ,टिकैत का तत्काल आंदोलन वापसी से मना
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि इस महीने के अंत तक इन कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू हो जायेगी
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रजनीश प्रताप सिंह
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की है
क्या कहा राकेश टिकैत ने
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि फैसला तब होगा जब पार्लिमेंट में इन कृषि कानूनों पर कोई निर्णय लिया जाएगा
राकेश टिकैत ने कहा क्योंकि कानून पार्लियामेंट में बने हैं इसलिए पार्लियामेंट में ही रद्द होने चाहिए तब तक हम कहीं जाने वाले नहीं हैं
सरकार हमारे से टेबल पर बात करें
संसद में कानून रद्द होने पर ही फैसला लिया जाएगा राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी बात करें तब तक हमारा संघर्ष चलता रहेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,”नहीं समझा पाए किसानों को”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाओं के साथ की उन्होंने करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुलने को भी सुखद बताया है
उन्होंने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 में से 80 किसान ऐसे हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर जमीन है ऐसे किसान की संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है
उनकी पूरी जिंदगी का आधार यह जमीन का छोटा सा टुकड़ा है और इसी के सहारे वे अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं
पीएम मोदी ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी यह जमीन का टुकड़ा और छोटा होता जा रहा है
बीज,बीमा और बाजार पर किया काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही यूरिया सॉइल हेल्थ कार्ड और माइक्रो इरिगेशन की भी सुविधाएं दी है
पीएम ने कहा कि हमने 22 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड दिए हैं
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड रुपए खर्च किए गए हैं
उन्होंने कहा कि किसानों को समझाने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन वह समझ नहीं पाए उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोई कसर नहीं छोड़ी जिन कानूनों पर एतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की
1 साल पहले हुए थे तीनों कानून संसद में पास
तीनों कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद में पास किए गए थे इसके बाद से लगातार किसान संगठनों की तरफ से इन तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग की जा रही थी
किसान संगठनों का तर्क था कि इस कानून के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म कर देगी और किसानों को उद्योग पतियों के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा
जबकि सरकार का कहना था कि इन नए कृषि कानूनों के द्वारा कृषि के क्षेत्र में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे और किसानों की आमदनी बढ़ेगी