NationalUttarakhand

केदारनाथ घाटी में खिसका ग्लेशियर,मंदिर को नुकसान नहीं

वेब मीडिया के विश्वनसीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

रुद्रप्रयाग :

बर्फ का पहाड़ खिसका

उत्तराखंड कि केदारनाथ घाटी में एक बार फिर से बर्फ के पहाड़ खिसकने की घटना सामने आई है.

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार केदारनाथ घाटी में मंदिर के पास ग्लेशियर का हिस्सा खिसकने का वीडियो सामने आया है जिसमें बर्फ का पहाड़ बहता हुआ दिख रहा है जिसके कारण बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक देखा जा सकता है.

केदारनाथ घाटी में पिछले 9 दिनों में दो बार पहाड़ खिसकने की घटनाएं हो चुकी है.

केदारनाथ धाम में एक बार फिर से चोराबाड़ी से 3 किलोमीटर ऊपर बर्फ का पहाड़ यानि ग्लेशियर के खिसकने की घटना सामने आई है.

इस पूरी घटना में हिमस्खलन की वजह से केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

केदारनाथ मंदिर को नुकसान नही

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया है कि इससे केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

इससे पहले 23 सितंबर को मंदिर से करीब 5 किलोमीटर पीछे बने चोराबारी ग्लेशियर में एवलांच आया था.

रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार के अनुसार 23 सितंबर को आया एवलांच काफी छोटा था जिससे किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं थी.

साल 2013 में हुई थी केदारनाथ आपदा

गौरतलब है कि वर्ष 2013 में केदारनाथ में बादल फटने के कारण तबाही का मंजर सामने आया था अचानक बाढ़ आ जाने की वजह से बड़ी संख्या में जान माल की हानि हुई थी.

तब आयी बाढ़ से उत्तराखंड में चार हजार से अधिक लोग लापता हो गये थे जिसकी मुख्य वजह केदारनाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर ऊपर चोराबाड़ी में झील का बनना बताया जाता है.

इस साल करीब 10 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री उत्तराखंड की चार धाम की यात्रा कर चुके हैं.

ग्लेशियर और झीलों में लगाये जा रहे सेंसर रिकॉर्डर

केदारनाथ घाटी आपदा आने के बाद वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के द्वारा प्रदेश के सभी ग्लेशियर और झीलों में सेंसर रिकॉर्डर लगाए जाने का काम शुरू किया गया है.

जानकारी के मुताबिक अभी तक प्रदेश की 329 जिलों में बड़े स्तर पर काम पूरा कर लिया गया है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!