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“बीमार और बूढी” डोईवाला चीनी मिल को लेकर ईडी डीपी सिंह ने बनाये “तरक्की” के ताबड़तोड़ रिकॉर्ड

डोईवाला चीनी मिल, क्षेत्र के किसानों की "आर्थिकी की रीढ़" कही जाती है एक बड़े स्तर पर स्थानीय किसान इस चीनी मिल पर निर्भर करता है जिस प्रकार स्कूल-कॉलेज में पढ़ी जाने वाली "आदर्श गैस" वास्तविक जीवन में नही होती उसी प्रकार वास्तविक जीवन में "सम्पूर्ण आदर्श स्थति" नही होती लेकिन फिर भी यदि किसी अधिकारी की कार्य कुशलता "बदहाल" को "खुशहाल" में बदलने की कला जानता हो तो निश्चित रूप से उसकी सराहना करना वाजिब बनता है --पेश है यूके तेज संपादक रजनीश प्रताप सिंह की एक रिपोर्ट

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला चीनी मिल को लेकर यदि आधिकारिक आंकड़ों और तथ्यों पर नजर डालें तो निश्चित रूप से 31 अगस्त 2022 डोईवाला चीनी मिल के इतिहास में एक स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाने वाली तारीख है

दरअसल यही वो तारीख है जिसके बाद डोईवाला चीनी मिल की “बदहाली की स्याह रात” खत्म हुई

और एक “नये उजियाले की किरणें” मिल प्रांगण में बिखरी

इन किरणों के साथ आयी “सुख और संतोष की मुस्कान” जो देखी जा सकती है चीनी मिल के कर्मचारी,अधिकारी और किसानों के होंठों पर

ऐसा लगा मानों खुद चीनी मिल और इसके कर्मचारी-किसान यही गीत गा रहे हों “दुःख भरे दिन बीते रे भैया,अब सुख आयो रे,रंग जीवन में नया लायो रे”

तो यही वह तारीख है जब इस बूढी-बीमार चीनी मिल को उसकी “कायाकल्प करने वाले शिल्पकार” के रूप में नया अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह मिला था

आइये एक नजर डालते हैं

डोईवाला चीनी मिल के वर्तमान अधिशासी निदेशक,

दिनेश प्रताप सिंह से पूर्व की स्थिति

► चीनी मिल अपनी उत्पादन क्षमता के अनुरूप गन्ना पेराई कार्य नहीं कर पा रही थी

► डोईवाला चीनी मिल आर्थिक रूप से पिछड रही थी

►मिल अधिकारियों,कर्मचारियों को 2-3 माह के पश्चात वेतन का भुगतान मिल पा रहा था

► कर्मचारियों के अवशेष देय बढते जा रहे थे

►कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हो पा रहा था

►मिल में सामान की आपूर्ति करने वाले सप्लायरों ;

► मिल में कार्य करने वाले ठेकेदारों और

►गन्ना ढूलाई करने वाले ट्रान्सपोर्टरों को समय से भुगतान नहीं मिल पा रहा था

► अक्सर गन्ने के वाहनों से जाम लगा रहता था

► जिससे डोईवाला की जनता परेशान रहती थी

इन सभी कारणों से डोईवाला चीनी मिल को बूढी एवं बीमार मिल तक कहा जाने लगा था

दिनेश प्रताप सिंह के ईडी बनने के बाद परिवर्तन

उसी डोईवाला चीनी मिल में दिनांक 31.08.2022 को डी0पी0सिंह, पी0सी0एस0 अधिकारी द्वारा मिल के अधिशासी निदेशक पद पर कार्यभार ग्रहण किया गया।

अधिशासी निदेशक द्वारा पेराई सत्र 2022-23 प्रारम्भ होने से पूर्व जब मिल के अन्य अधिकारियों/ कर्मचारियों के साथ मिलकर मिल हित एवं कृषक हित में चीनी मिल की प्रगति के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए अनेक निर्णय लिये गये।

जिसके परिणामस्वरूप

► कृषक विश्राम गृह,

► पक्का केन यार्ड़,

►स्वच्छ पेयजल, शौचालय,

► कैन्टीन इत्यादि व्यवस्था

► मिल में जगह जगह सी0सी0टी0वी0 कैमरे स्थापित कर

► सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त किया गया

► गदरपुर से लायी दो क्वाड बाॅडियों को अल्प समय में स्थापित करवाया

►पेराई सत्र 2022-23 के दौरान विगत पेराई सत्रों की अपेक्षा अत्यधिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त

►चीनी मिल से जुडे कृषकों में अधिशासी निदेशक की आक्रमक कार्य शैली एवं

► मिल हित में लिये जाने वाले निर्णयों के प्रति विश्वास बढता गया।

डी0पी0सिंह, अधिशासी निदेशक जो कि क्षेत्र में कर्मयोगी के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं, के द्वारा गढवाल मण्डल की एकमात्र चीनी मिल डोईवाला

जो कि इस क्षेत्र की आर्थिकी की रीढ मानी जाती है की उन्नति के लिए कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ मिलकर दिन-रात अथक प्रयास कर रहे हैं।

वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में मिल द्वारा दिनांक 13.01.2024 तक लगभग 11.19 लाख कुन्तल गन्ना पेराई कर लगभग 1.02 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है।

अधिशासी निदेशक के कुशल प्रबन्धन के चलते डोईवाला चीनी मिल द्वारा वर्तमान में कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में वेतन का भुगतान किया जा रहा है

तथा कर्मचारियों के विगत वर्षों के लम्बित विभिन्न देयों का भुगतान किया जा चुका है।

गन्ना समितियों के पास गन्ना कमीशन भुगतान की धनराशि अग्रिम रूप से जमा है।

वहीं कृषकों के हितों का ध्यान रखते हुए विगत कई वर्षों के इतिहास में पहली बार दिनांक 21 दिसम्बर, 2023 को मिल में गन्ना आपूर्ति करने वाले कृषकों को मिल स्तर से गन्ना मूल्य भुगतान प्रारम्भ किया गया

जबकि विगत पेराई सत्र 2022-23 में गन्ना आपूर्ति करने वाले कृषकों को मिल स्तर से गन्ना मूल्य भुगतान हेतु प्रथम किश्त दिनांक 21 जनवरी, 2023 को जारी की गई थी।

वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में आतिथि तक गन्ना मूल्य भुगतान हेतु मिल स्तर से रू0 1296.63 लाख की धनराशि भिन्न भिन्न गन्ना समितियों को जारी की जा चुकी है

जबकि विगत पेराई सत्र 2022-23 में आतिथि तक कोई गन्ना मूल्य भुगतान जारी नही हुआ था

डी0पी0सिंह, अधिशासी निदेशक ने बताया कि यदि भविष्य में डोईवाला चीनी मिल को योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया जाये तो इस मिल को लाभ की स्थिति में लाने की अपार सम्भावनायें हैं।

स्थानीय जनता को पूर्ण उम्मीद है कि डी0पी0सिंह, अधिशासी निदेशक के कुशल नेतृत्व में यह चीनी मिल विगत वर्षों के सभी रिकाॅर्ड तोड़कर लाभ की स्थिति में आ सकती है।

 

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