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डोईवाला चीनी मिल का ड्राइवर जांच में पाया गया दोषी,सशर्त नौकरी पर वापस

Doiwala sugar mill driver found guilty in investigation, returned to job conditionally

देहरादून,1 मई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला शुगर कम्पनी लि० में कार चालक के पद पर कार्यरत मोहम्मद अहमद, पुत्र शकील अहमद, को विभागीय जाँच में दोषी पाया गया है।

उन पर मिल में आवश्यकता होने पर भी ड्यूटी पर उपस्थित न होने और काम से बचने के लिए बहाने बनाने जैसे आरोप थे, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

निर्माण रसायनज्ञ आशुतोष अग्निहोत्री को इस मामले में जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था।

जाँच अधिकारी ने अपचारी कर्मचारी को आरोप पत्र जारी किया, जिसका प्रतिउत्तर मोहम्मद अहमद द्वारा प्रस्तुत किया गया।

जाँच अधिकारी ने आरोप पत्र, निलंबित कर्मचारी के प्रतिउत्तर और साक्ष्यों का गहन अवलोकन करने के बाद अपनी जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत की।

इस रिपोर्ट में निलंबित कर्मचारी पर लगे सभी आरोप मिल में लागू स्थायी आदेश की धारा (ड) 1 (क), 1 (ट), 1 (प), 1 (झ) और 1 (भ) के तहत पूरी तरह से सिद्ध पाए गए।

जाँच रिपोर्ट के अनुसार, निलंबित कर्मचारी का यह कृत्य मिल में लागू स्थायी आदेश के तहत गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है, जिसके लिए कर्मचारी को बर्खास्त भी किया जा सकता है।

इस संबंध में उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 (यथासंशोधित) और मिल में लागू स्थायी आदेश की संबंधित धाराओं के अनुसार दोषी कर्मचारी के खिलाफ अलग से कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, मोहम्मद अहमद, कार चालक का निलंबन तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है और उन्हें निम्नलिखित शर्तों के अधीन ड्यूटी पर बहाल किया गया है:

  1. मोहम्मद अहमद अपने नैतिक दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ सुनिश्चित करेंगे।
  2. मोहम्मद अहमद अपने से वरिष्ठ अधिकारी के किसी भी वैध और उचित आदेश की स्वयं या दूसरों के साथ जानबूझकर अवज्ञा नहीं करेंगे।
  3. मोहम्मद अहमद मिल के संचालन या उसकी प्रक्रिया के बारे में प्राप्त किसी भी जानकारी को किसी अनाधिकृत व्यक्ति या व्यक्तियों को नहीं देंगे, जिससे मिल की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचे या पहुंचने की संभावना हो।
  4. मोहम्मद अहमद मिल में कार्यरत अन्य कर्मचारियों के साथ अनावश्यक रूप से मिलकर उन्हें भड़काने और साजिश रचकर मिल को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे।

प्रबंध समिति ने इस मामले पर विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया कि मोहम्मद अहमद ने अपने पद के दायित्वों का निर्वहन करने में लापरवाही बरती है और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करते हुए बहाने बनाकर राजकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न की है।

समिति का मानना है कि मोहम्मद अहमद कार चालक के पद पर कार्य करने के योग्य नहीं हैं।

प्रबंध समिति की सिफारिश के क्रम में, मोहम्मद अहमद, कार चालक को उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 (यथासंशोधित) और मिल में लागू स्थायी आदेश की संबंधित धाराओं के तहत दंडित करते हुए कार्यालय डोईवाला शुगर कम्पनी लि०, डोईवाला (देहरादून) के पूर्व में जारी आदेश को निरस्त कर दिया गया है।

प्रशासनिक और मिल हित में, मोहम्मद अहमद, कार चालक को वर्तमान पद से अवनत करते हुए मूल पद अकुशल मजदूर (सामयिक) के पद पर तत्काल प्रभाव से तैनात किया गया है।

 

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