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( मानवता ) डामर में लिपटे बछड़े का सब देख रहे थे “तमाशा”,फिर मदद को उठे हाथ

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रुद्रप्रयाग : कहते हैं दुनिया बड़ी क्रूर है लेकिन इसी दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जिनसे मानवता आज जिंदा है।हम इंसान होने पर गर्व कर सकते हैं।

दरअसल ये मामला है रुद्रप्रयाग जिले के रतूड़ा का।

जहां अपने दैनिक अभ्यास के लिये जब एसडीआरएफ की टीम रवाना हुई तो उन्होंने देखा कि शिवनंदी के पास एक बछड़ा डामर में लिपटा हुआ है।

बछड़े के शरीर से डामर को छुड़ाती एसडीआरएफ की टीम

डामर में लिपटा होने के कारण वह बेजुबान चल भी नही पा रहा था।

वहां से आते-जाते लोग बस इस बेजुबान का तमाशा देख रहे थे लेकिन किसी ने भी सहायता की नही सोची।

एसडीआरएफ के निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी से बछड़े की पीड़ा नही देखी गयी।

उन्होंने तुरंत अपनी टीम के साथ मिलकर बछडे के शरीर से धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक डामर को हटाया ।डामर को हटाने से पहले बछड़े की गतिविधियां शिथिल होती जा रही थी परन्तु डामर हटते ही बछड़ा पुनः क्रियाशील हो गया।

एसडीआरएफ द्वारा कुछ समय तक बछड़े का अवलोकन भी किया गया। जिससे यह सुनिश्चित कर सके कि वह अब पूर्णतः क्रियाशील है।

जैसे ही बछड़े ने खुद अपने पैरों पर खड़े होकर चलना शुरू किया तो सबके चेहरे पर मुस्कान और संतोष का भाव था।

इस बेहतरीन मानवीय कार्य के लिए निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी सहित एसडीआरएफ की पूरी टीम प्रशंसा की पात्र है।

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