डोईवाला। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग में सेमिनार का आयोजन किया गया। विश्व के बदलते परिदृशय में वयस्क और मानसिक स्वास्थ्य की थीम पर आधारित सेमिनार में वक्ताओं ने युवाओं में मानसिक रोग के लक्ष्ण व उपचार के बारे में जानकारी दी।
बुधवार को एसआरएचयू हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग के मेंटल हैल्थ विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार में बीएससी व जीएनएनम प्रथम वर्ष के 150 छात्र-छात्राएं ने भाग लिया। सेमिनार को संबोधित करते हुये प्रिंसिपल डॉ. संचिता पुगाजंडी ने कहा विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा किशोरावस्था और वयस्कता के शुरुआती वर्ष जीवन का वह समय होता है, जब कई बदलाव होते हैं। जैसे स्कूल बदलना, घर छोड़ना तथा कॉलेज या नई नौकरी शुरू करना। कई लोगों के लिए ये रोमांचक समय होता हैं तथा कुछ मामलों में यह तनाव और शंका का समय हो सकता है। यदि इसे समय से पहचान कर काउंसिलिंग नहीं की जाती है तो यह तनाव मानसिक रोग में परिवर्तित हो जाता है। विभागाध्यक्ष ग्रेस मैडोना सिंह ने कहा कि किशोरों और वयस्कों के बीच मानसिक परेशानी की रोकथाम और प्रबंधन की शुरूआत जागरूकता बढ़ाकर और मानसिक रोग के प्रारंभिक चेतावनी संकेतों और लक्षणों को समझकर कम उम्र से की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त अभिभावक और शिक्षक घर एवं स्कूल में रोजमर्रा की चुनौतियों का मुक़ाबला करने में सहयोग के लिए बच्चों और किशोरों के जीवन कौशल निर्माण करने में मदद कर सकते हैं। जैसे कि सामाजिक कौशल, समस्या सुलझाने का कौशल और आत्मविश्वास बढ़ाना। कार्यक्रम में वाईस प्रिंसिपल कमली प्रकाश, मनोरंजनी, चेतना, संध्या नेगी उपस्थित थे।