
- टिहरी बांध प्रभावितों की भूमि पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया
- एक ही जमीन को दो बार बेचा गया, गंभीर धोखाधड़ी हुई
- जिलाधिकारी ने पुनर्वास अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई
- जांच में खुलासा: बिना जांच दोबारा चढ़ाई गई भूमिधरी
- पीड़ित पुलमा देवी को न्याय दिलाने को प्रशासन कृतसंकल्प
देहरादून,3 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : जिलाधिकारी सविन बंसल ने भूमि से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है.
यह मामला टिहरी बांध विस्थापितों (Tehri Dam Displaced Persons) से संबंधित है, जहाँ एक ही व्यक्ति ने अपनी जमीन दो बार बेच दी.
जिलाधिकारी ने इस धोखाधड़ी पर सख्त रुख अपनाते हुए पुनर्वास परियोजना के अधिकारियों को आड़े हाथ लिया है.
क्या है मामला ?
शास्त्रीनगर तपोवन निवासी पुलमा देवी ने हाल ही में जिलाधिकारी के जनता दर्शन में शिकायत की थी.
उन्होंने बताया कि उन्होंने 2007 में फुलसनी गांव में एक आवासीय भूमि खरीदी थी, जो टिहरी बांध विस्थापितों के लिए आवंटित की गई थी.
उनके पास इस खरीद की रजिस्ट्री भी है.
हैरान करने वाली बात यह है कि 2020 में उस भूमि के मूल मालिक ने वही जमीन किसी और व्यक्ति को बेच दी.
कैसे खुलीं फर्जीवाड़े की परतें ?
यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में जून माह के दूसरे जनता दर्शन में आया था.
उन्होंने तुरंत इसकी जांच के आदेश दिए.
जांच में पता चला कि यह मामला फिलहाल विकासनगर देहरादून के सिविल जज (जूनियर डिविजन) के पास पुलमा देवी बनाम जतिन गोयल के नाम से विचाराधीन है.
जांच में यह भी सामने आया कि अवस्थापना पुनर्वास खंड, ऋषिकेश की लापरवाही के कारण यह धोखाधड़ी हुई.
दरअसल, चंद्रू पुत्र अमरू को 2007 में फुलसनी गांव में 200 वर्ग मीटर का आवासीय भूखंड आवंटित किया गया था.
उन्होंने यह जमीन पुलमा देवी को बेच दी थी.
इसके बावजूद, चंद्रू ने विभाग को गुमराह करते हुए 2019 में उसी भूखंड पर दोबारा भूमिधरी हासिल कर ली, यानी अपने नाम पर जमीन का अधिकार फिर से दर्ज करवा लिया, जबकि वह उसे पहले ही बेच चुके थे.
उप राजस्व अधिकारी, अवस्थापना (पुनर्वास) खंड, ऋषिकेश ने बिना उचित जांच किए यह दोबारा भूमिधरी चढ़ा दी.
जिलाधिकारी का सख्त एक्शन
इस गंभीर अनियमितता पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कड़ी नाराजगी जताई है.
उन्होंने अधीक्षण अभियंता (टिहरी बांध पुनर्वास) का वाहन तुरंत जब्त करने का आदेश दिया है और उन्हें सभी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.
जिलाधिकारी ने यह भी चेतावनी दी है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच की सिफारिश भी की जा सकती है.
इस पूरे मामले की आगे की आपराधिक कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी ने जांच उप जिलाधिकारी मुख्यालय, अपूर्वा को सौंप दी है.
जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जब तक पुलमा देवी को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे और इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे.