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हर साल ठंड शुरू होते ही खांसी जोर पकड़ ले तो हो जाइए ‘सावधान’,जानिए बचाव और उपचार

• ठंड शुरू होते ही खांसी जोर पकड़ ले तो लापरवाही न बरतें- डॉ.राखी खंडूरी
•-सीओपीडी दिवस पर हिमालयन अस्पताल की ओर से जागरुकता कार्यक्रम आयोजित
• -अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने किया जागरूक
• मरीजों को सीओपीडी से लक्षण, बचाव व उपचार की दी जानकारी

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. राखी खंडूरी ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण सीओपीडी मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

ठंड में खांसी आम बात है, लेकिन एक हद तक।

अगर लंबे समय तक खांसी आपका पीछा न छोड़े, ।

यह सीओपीडी भी हो सकती है।

क्या है सीओपीडी-

डॉ.वरुणा जेठानी ने बताया कि सीओपीडी एक क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है।

इसमें साँस की नलियाँ सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है।

यह सूजन निरंतर बढ़ती रहती है इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह घटता जाता है।

यह बिमारी सांस में रुकावट से शुरू होती है और धीरे-धीरे सांस लेने में मुश्किल होने लगती है।

सीओपीडी के कारण-

डॉ.सुशांत खंडूरी ने बताया कि धूम्रपान, वायु प्रदूषण, घर के भीतर धुआं, कारखाने का धुआं, अनुपचारित दमा

कैसे पहचानें-

डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि लगातार बलगम वाली खांसी, गले में खरास, सांस की कमी होना, काम करने के साथ सांस फूलना, छाती में जकड़न

सीओपीडी से बचाव-

डॉ.राहुल ने बताया कि बिमारी पता लगते ही सबसे पहले धूम्रपान शीघ्र छोड़ दें,

इंन्फुलेएंजा वैक्सीन जरूर लगवाएं, डॉक्टर से जांच करा कर दवाएं लें,

धूल, धुआं, प्रदूषण और धूल वाले वातावरण में अपना घर न बनाएं,

तरल पदार्थ का सेवन करें, गहरी सांस का अभ्यान करें,

नियमित रुप से 30 मिनट रोजाना व्यायाम करें।

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