डोईवाला :मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र सिंह पंवार ने आज मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर खामियों को दूर करने को माथापच्ची की।
मुख्यमंत्री के OSD धीरेन्द्र सिंह पंवार के आने की भनक लगते ही पार्टी और मीडिया के लोगों का हॉस्पिटल अधीक्षक के कक्ष में जमावड़ा लग गया।
सीएम के OSD और देहरादून के चीफ मेडिकल ऑफिसर के सामने भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों ने हॉस्पिटल की शिकायतों पर जमकर भड़ास निकाली।
ये रही मुख्य शिकायतें और समाधान
(1)हिमालयन के जूनियर डॉक्टर क्यूं बैठा रखे हैं ?
पहला जवाब-
हिमालयन हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ. यशवंत सिंह बिष्ट ने कहा की अभी यहां हिमालयन के सीनियर रेजिडेंट डॉ. अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो कि POST GRADUATE, एम.एस. (मास्टर ऑफ़ सर्जरी) और एम.डी. (डॉक्ट्रेट इन मेडिसिन) की योग्यता रखते हैं। ये लगातार अपने सीनियर डॉक्टर के संपर्क में रहते हैं।
दूसरा जवाब –
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि जल्द व्यवस्था बनायीं जा रही है कि हफ्ते में दो दिन प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के डॉक्टर डोईवाला हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दें।
(2)हॉस्पिटल से बाहर की दवाएं क्यूं लिख रहे हैं ?
जवाब – CMO डॉ. सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि हम जल्द डॉक्टर को सर्कुलर जारी कर रहे हैं कि
(A )वे केवल हॉस्पिटल में उपलब्ध दवा ही लिखें।
(B )यदि हॉस्पिटल में दवा नहीं है तो “प्रधानमन्त्री जन औषधि केंद्र” में उपलब्ध दवा लिखें।
(C )यदि दोनों जगह की दवा नहीं है तो ऐसे में डॉ. जेनेरिक दवा लिखेंगें जिसे मरीज अपनी इच्छानुसार कहीं से भी ले सकता है।
डॉक्टरों को स्पष्ट निर्देश होगा कि वो किसी ख़ास मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध दवा का ब्रांड नाम नहीं लिखेंगें।
शिकायत (3)डोईवाला हॉस्पिटल के डॉ. सीधे हिमालयन हॉस्पिटल रेफेर क्यूं करते हैं ?
हिमालयन के एम.एस., डॉ. वाई.एस बिष्ट ने कहा कि कोई भी पेशेंट दून हॉस्पिटल या एम्स के साथ ही हिमालयन रेफेर किया जा सकता है ऐसा उनके सरकार के साथ एम.ओ.यू. में लिखा है।
मरीज के प्राण संकट में होने पर “टाइमिंग” बहोत इम्पोर्टेन्ट होती है इसलिए हिमालयन हॉस्पिटल रेफेर किया जाना तर्कसंगत है।
(4)हॉस्पिटल में दवा का अभाव क्यूं है ?
CMO डॉ. सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि कुछ समय से दवा खरीद पर रोक थी जो अब खुल गयी है।