देहरादून : डोईवाला के राजीवनगर में कथित तौर पर नशे का कैप्सूल बेचने वाले एक युवक की आज अज्ञात कारणों से मौत हो गयी।
मृतक के शव को हिमालयन हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख दिया गया है।
क्या होता है नशे का कैप्सूल ?
पेट दर्द के ईलाज के लिए इस्तेमाल होने वाला स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन कैप्सूल जिसे लोग “नीले कैप्सूल” के नाम से भी खरीदते हैं ,नशे के लिए इस्तेमाल होता है।
स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन कैप्सूल में मिली डेक्स्ट्रामार्फेन नाम की दवा से नशा होता था।
इसकी शिकायत के बाद सरकार के हस्तक्षेप पर स्पास्मोप्रॉक्सीवॉन का फार्मूला बदल दिया गया।लेकिन इसके बाद भी इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज दोपहर राजीवनगर निवासी साहिल उम्र लगभग 19 वर्ष पुत्र सलीम का लोकल के अन्य युवक अमित क्षेत्री उम्र 30 वर्ष पुत्र निर्मल क्षेत्री से कथित विवाद हुआ।
“यूके तेज़” को सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग 12-1 बजे हुये इस विवाद का कारण नशे के कैप्सूल की सप्लाई है।
एक म्यान में दो तलवार की तर्ज पर एक ही इलाके में नशे के कैप्सूल की कथित सप्लाई को लेकर विवाद हुआ जो सिर्फ मौखिक बहस और छीना-झपटी तक सीमित रहा।
इसके बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए।
जानकारी के अनुसार लगभग 2:30 -3 बजे साहिल की तबियत खराब होने पर उसे हिमालयन हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी है।
एक मामले में 4-5 दिन पहले जेल से छूटे साहिल की मौत का प्रथम दृष्टतया कारण नशे की ओवरडोज़ माना जा रहा है।
मौत के कारण की प्रामाणिक पुष्टि पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट के बाद ही हो पायेगी।