देहरादून : बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आज़मी ने अपने पिता मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी की याद में रानीपोखरी के एक शिक्षण संस्थान में नीम का पौधा लगाया।
कल मशहूर शायर और बॉलीवुड स्क्रिप्ट एंड लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर ने यहीं एक नीम का पौधा लगाया था।
मीडियकर्मियों से बात करते हुए शबाना आज़मी ने बताया कि उनके पिता मरहूम कैफ़ी आज़मी को पर्यावरण की बड़ी फ़िक्र थी ।
उन्होंने अपने शेर में भी कहा है कि,”पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था,जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा ।”
उनको याद करने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता कि हम उनकी याद में नीम का पेड़ लगाएं।”
आज दोपहर शबाना आज़मी यहां के एक निजी शिक्षण संस्थान में पहुंची।उन्होंने कैफ़ी आज़मी की लिखी दो पुस्तकों पर अपने ऑटोग्राफ दिए।
आप वीडियो देखिएगा :—–
फर्स्ट देहरादून पोएट्री फेस्टिवल में भाग लेने पहुंचे जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी ने कल और आज अलग-अलग दिन यहां नीम का दरख़्त लगाया।
जावेद अख्तर ने कल यहां प्लांटेशन किया था।
यह प्लांटेशन कैफ़ी आज़मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में किया जा रहा है।
जहां उनकी याद में 100 नीम के दरख़्त लगाये जायेंगें।
उनके पिता कैफ़ी आज़मी उर्दू के बेहतरीन शायरों में से एक हैं जिन्होंने बॉलीवुड की पाकीज़ा,कागज़ के फूल,हकीकत जैसी कईं मूवी के लिए गाने लिखे हैं।
उनके लिखे “चलते-चलते यूहीं कोई मिल गया था”,”तुम जो मिल गए हो” के अलावा “कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों” पब्लिक में ख़ास पसंद किये जाते हैं।