उत्तराखंड में ओला-उबर की तर्ज पर “महिला सारथी परियोजना” का शुभारंभ
"Mahila Sarathi Project" launched in Uttarakhand on the lines of Ola-Uber

देहरादून,19 दिसंबर 2024 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत होने जा रही है।
“Mahila Sarathi Project” launched in Uttarakhand on the lines of Ola-Uber
जल्द ही राज्य की सड़कों पर महिलाएं ओला-उबर की तर्ज पर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाती नजर आएंगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही देहरादून जिले में शुरू किया जाएगा।
कमजोर वर्ग की महिलाओं को मिलेगा मौका:
इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा या परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
परिवहन विभाग इन महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देगा
और उनके ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाएंगे।
इसके साथ ही, इन महिलाओं को वाहन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
इन वाहनों की व्यवस्था एक संस्था के सीएसआर फंड और निर्भया योजना के फंड से की जानी प्रस्तावित है।
यानी इस योजना में लाभार्थी महिलाओं को कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा।
प्रोफेशनल मोबाइल एप:
इन गाड़ियों के संचालन के लिए एक पूरी तरह से प्रोफेशनल मोबाइल एप बनाया जाएगा।
यह एप आजकल ऑनलाइन गाड़ियां बुक करने वाली कमर्शियल कंपनियों के एप की तरह ही होगा।
यानी महिलाएं आसानी से इस एप के माध्यम से गाड़ी बुक कर सकेंगी।
महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान:
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि वाहनों में महिला चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर कई फीचर शामिल होंगे।
इन वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग नियमित रूप से होगी
ताकि महिला चालक या सवारी में से किसी को भी सुरक्षा संबंधी समस्या होने पर तुरंत मदद मिल सके।
इस योजना में पुलिस और परिवहन विभाग भी शामिल होंगे,
इसलिए इन विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ जल्द ही एक प्रेजेंटेशन किया जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी पूरी:
पायलट प्रोजेक्ट के लिए देहरादून में पहले ही महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इस योजना के फायदे:
महिला सशक्तिकरण: यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
रोजगार के अवसर: इस योजना से महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
सुरक्षित यात्रा: महिलाएं अब सुरक्षित तरीके से यात्रा कर सकेंगी।
आर्थिक विकास: यह योजना राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी।
यह योजना उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह उम्मीद की जाती है कि यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
योजना का उद्देश्य
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस अभिनव पहल का प्राथमिक लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
“यह योजना न केवल महिलाओं को रोजगार देगी,
बल्कि यात्री परिवहन क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात करेगी,” उन्होंने कहा।
तकनीकी और सुरक्षा विशेषताएं
• प्रोफेशनल मोबाइल एप्लिकेशन
• रियल-टाइम जीपीएस ट्रैकिंग
• 24×7 सुरक्षा निगरानी
• आपातकालीन सहायता बटन
• ऑनलाइन बुकिंग सुविधा
• वित्तीय सहायता
योजना की एक विशेष बात यह है कि लाभार्थी महिलाओं को कोई वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
वाहनों की व्यवस्था कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड और निर्भया योजना के माध्यम से की जाएगी।
परिवहन विभाग द्वारा नि:शुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण और लाइसेंस की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी
देहरादून में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए महिलाओं का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है।
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पुलिस और परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ शीघ्र ही एक विस्तृत प्रेजेंटेशन आयोजित की जाएगी।
“महिला सारथी परियोजना महिला सशक्तिकरण और सुरक्षित यात्री परिवहन का एक अनूठा संगम है,” मंत्री आर्य ने कहा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पहल राज्य में महिला रोजगार को नई दिशा देगी और अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बनेगी।
बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्य, उपनिदेशक विक्रम सिंह, मोहित चौधरी, आरती बलोदी और उदय प्रताप सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।