“फल मक्खी” जेनेटिक स्टडी में है बड़े काम की, एसआरएचयू में आयोजित हुई कार्यशाला

ड्रोसोफिला मेलानोगैस्टर ‘सिरका मक्खी” या “फल मक्खी’ के रूप में जानी जाती है
एसआरएचयू में ड्रोसोफिला मेलानोगैस्टर पर कार्यशाला आयोजित की गई
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रजनीश प्रताप सिंह
देहरादून :
देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश से शामिल हुये 150 प्रतिभागी
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में जैव विज्ञान विभाग की ओर से ड्रोसोफिला मेलानोगैस्टर एक मॉडल जीव विज्ञान पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुये
कार्यशाला का आयोजन डॉ. पिंकी के. शर्मा क्षेत्रीय संस्थान प्रौद्योगिकी केंद्र फरीदाबाद के नेतृत्व में अनुसंधान वैज्ञानिकों के प्रतिनिधि मंडल द्वारा किया गया
उन्होंने बताया देहरादून क्षेत्र में पहली बार मॉडल जीव के साथ इस तरह की लाइव प्रयोगिक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है
ड्रोसोफिला के न्यूरोजेनेटिक्स और उसमें मॉडल जीव और मानव रोगों के साथ उसके संबंध पर संक्षिप्त व्याख्यान और वीडियो सत्र के जरिये प्रतिभागियों को बताया गया
उन्होंने कहा कि ड्रोसोफिला को मानव की अनुवांशिक विरासत, आयु वृद्धि, न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों का अध्ययन करने के लिए सबसे अच्छे मॉडल में से एक माना जाता है
इसके अलावा छात्रों को लाइव प्रायोगिक सत्रों के साथ-साथ शीर्ष शोध वैज्ञानिकों के साथ प्रश्नोत्तरी और परस्पर संवादात्मक सत्र भी आयोजित किये गये
कार्यशाला में देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया
कार्यशाला में एफएनएएससी वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. सी.एस. नौटियाल, रजिस्ट्रार सुशीला शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अर्चना प्रकाश, जैव विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. कुमार सचिन आदि उपस्थित थे