
देहरादून,30 मई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने देहरादून के एक राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका से छेड़छाड़ के मामले में सख्त रुख अपनाया है.
आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि आरोपी शिक्षक के स्थानांतरण को समस्या का समाधान नहीं माना जाएगा, बल्कि उसके खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.
आयोग ने शिक्षा विभाग से मामले में विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है
मामले का स्वतः संज्ञान और आयोग का कड़ा रुख
यह मामला तब सामने आया जब एक दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से महिला आयोग को जानकारी मिली कि विद्यालय में तैनात एक शिक्षक ने एक शिक्षिका के साथ गलत नीयत से अनुचित स्पर्श किया है.
पीड़िता शिक्षिका ने इसकी लिखित शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) प्रेमलाल भारती को दी थी.
इसके बाद आरोपी शिक्षक मोहम्मद इलियास को पहले डोईवाला खंड कार्यालय से संबद्ध किया गया और तीन दिन बाद उसका तबादला दुर्गम क्षेत्र कालसी कर दिया गया.
हालांकि, प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता शिक्षिका ने थाने में शिकायत करने से इनकार कर दिया है.
मामले की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने इसका स्वतः संज्ञान लिया.
आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने तुरंत जिलाधिकारी देहरादून, सविन बंसल से भी इस संबंध में बात की।
“छात्राओं की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”: कंडवाल
अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) से इस मामले की जांच रिपोर्ट मांगी जाएगी.
डीईओ ने आयोग को बताया कि शिक्षिका की शिकायत के आधार पर आरोपी शिक्षक मोहम्मद इलियास का तबादला कालसी विकासखंड के एक राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कर दिया गया है.
गौरतलब है कि जिस विद्यालय में आरोपी शिक्षक को भेजा गया है, वहां कोई महिला शिक्षक नहीं है.
इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कंडवाल ने कहा, “स्थानांतरण इस प्रकार की गंभीर समस्या का कोई समाधान नहीं है.
हो सकता है कि वह (आरोपी शिक्षक) किसी छात्रा के साथ भी इस प्रकार की घटना को अंजाम दे दे।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “आरोपी की घटिया मानसिकता के साथ हम विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते आरोपी व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
कुसुम कंडवाल ने आगे कहा कि यदि विद्यालय में महिला शिक्षक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो समाज की बच्चियां कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी.
उन्होंने शिक्षा विभाग से आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा है, ताकि विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं का भविष्य सुरक्षित रह सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.