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उत्तराखंड में “बाल संरक्षण” को लेकर इन 6 बिंदुओं पर है फोकस

आज नई दिल्ली में National Commission for Protection of Child Rights- NCPCR (राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा विद्यालयों से बाहर रह गये बच्चों (Out of School Children) के सम्बन्ध में राज्यों द्वारा की जा रही कार्यवाही की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी.
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा की गई.
समीक्षा बैठक मे समस्त राज्यों के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया.
बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों एवं इसी परिप्रेक्ष्य में समय-समय पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा प्रदत्त विभिन्न सुझावों पर राज्यों द्वारा क्रियान्वयन एवं कार्यवाही की अद्यतन स्थिति के साथ ही ऐसे चिह्नित एवं अच्छादित बच्चों के आंकड़ों एवं विवरणों की राज्यवार समीक्षा की गयी.
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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून : अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में बाल संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की अत्यधिक सराहना की गई एवं अन्य राज्यों को भी उत्तराखण्ड राज्य में किये जा रहे कार्यों का भौतिक अवलोकन कर अपने राज्य में भी कार्यान्वयन करने के निर्देश दिये गये.

उनके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में विद्यालय से बाहर रह गये बच्चों को सुगमता पूर्वक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराने की पहल में निम्न कार्यों पर प्रोत्साहन दिया गया-

1. वात्सल्य योजना के माध्यम से सरकार कोविड-19 से अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के भरण पोषण से लेकर उनकी शिक्षा तक का पूरा खर्च बच्चे के 21 वर्ष पूरे होने तक खुद से उठाएगी.

2. राज्य में निर्धन एवं अपवंचित वर्गों के बच्चों को 10 नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है.

3. दिव्यांग बच्चों की समुचित शिक्षा व्यवस्था हेतु परामर्श शिविरों का आयोजन एवं साइन लैंग्वेज में अध्यापकों का एडवांस प्रशिक्षण भी बजाज इस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग के माध्यम से कराया जा रहा है.

4. राज्य के चिह्नित विकासखण्डों में सहायता उपकरण प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन एल्मिको कानपुर की सहायता से सम्पन्न किया गया है जिसमें 1065 बच्चों को निर्धारित कार्यक्रमानुसार लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।

5. राज्य में विद्यालयों से बाहर रह गये बच्चों को उनके आयु आधारित कक्षा में प्रवेश दिलाने हेतु आवासीय एवं अनावासीय छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें 1911 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं.

6. राज्य में प्रवासी बच्चों की शिक्षा के लिए मोबाईल वैन योजना एवं माइग्रेटरी एजुकेशन सेंटर का संचालन किया जा रहा है मोबाईल वैन योजना के तहत झुग्गी झोपड़ी में निवासरत एवं मजदूर वर्ग के बच्चों को पढ़ाया जाता है.

इस अवसर पर शिक्षा सचिव रविनाथ रमन द्वारा बाल निकेतन अल्मोड़ा के बच्चों द्वारा बनायी गयी ऐंपण पेन्टिंग राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को भेंट की गयी.

इस अवसर पर डॉ० मुकुल कुमार सत्ती, अपर राज्य निदेशक, समग्र शिक्षा, अंजुम फातिमा उप राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, एन०एस० डुंगरियाल अपर निदेशक, समाज कल्याण, मोहित चौधरी मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, महिला कल्याण निदेशालय, अब्दुल यामीन, सब रजिस्ट्रार, मदरसा बोर्ड भी उपस्थित रहे.

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