उत्तराखंड पुलिस को मिला डिजिटल पंख: ई-रिट पोर्टल से हुआ कार्य आसान
The Uttarakhand Police Department has added a new chapter in the judicial process. The e-writ portal implemented on the instructions of the High Court of Nainital has brought revolutionary changes in the work of police personnel. This initiative was first started in Dehradun and Haridwar, which has now been successfully implemented in all the districts of the state.
देहरादून,7 नवंबर 2024 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड पुलिस विभाग ने न्यायिक प्रक्रिया में एक नया अध्याय जोड़ा है।
उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देश पर लागू किए गए ई-रिट पोर्टल ने पुलिस कर्मियों के कार्य में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है।
यह पहल पहले देहरादून और हरिद्वार में शुरू की गई थी,
जो अब राज्य के सभी जिलों में सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है।
कैसे हुआ यह संभव?
पहले पुलिसकर्मियों को उच्च न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से जाकर प्रतिवेदन पत्र दाखिल करना होता था,
जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी।
लेकिन अब ई-रिट पोर्टल के माध्यम से वे अपने थाने से ही यह काम कर सकते हैं।
क्या हुआ है:
पुलिस ने एक नया तरीका निकाला है,
जिससे वो कोर्ट में कागजात ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
इस नई व्यवस्था को ई-रिट पोर्टल कहते हैं।
पिछले 15 महीनों में पुलिस ने इस पोर्टल के जरिए करीब 1257 बार कोर्ट में कागजात भेजे हैं।
पहले पुलिस वालों को कोर्ट जाकर कागजात जमा करने पड़ते थे, जिससे उनका काफी समय और पैसा खर्च होता था।
लेकिन अब ऑनलाइन सिस्टम आ जाने से उन्हें कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
इस नई व्यवस्था से पुलिस विभाग ने लगभग 21 लाख रुपये बचा लिए हैं। ये पैसे पहले पुलिस वाले कोर्ट जाने के लिए खर्च करते थे।
पहले एक पुलिस वाले को कोर्ट में कागज जमा करने में 3 दिन लग जाते थे।
लेकिन अब ऑनलाइन सिस्टम की वजह से ये काम कुछ ही देर में हो जाता है।
मतलब:
इस नई व्यवस्था से पुलिस का काम आसान हो गया है और वो और ज्यादा समय अपने असली काम पर लगा पा रहे हैं।
साथ ही, सरकार का भी काफी पैसा बच रहा है।
क्या हैं फायदे?
समय की बचत: पहले एक विवेचक को प्रतिवेदन दाखिल करने में तीन दिन लग जाते थे, अब यह काम कुछ ही घंटों में हो जाता है।
संसाधनों की बचत: यात्रा खर्च, दैनिक भत्ता आदि पर होने वाले खर्च में भारी कटौती हुई है।
पारदर्शिता: अब केस की स्थिति पुलिसकर्मी ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
दक्षता: कामकाज में दक्षता बढ़ी है और पुलिसकर्मी अपने अन्य कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
रुपयों की भरपूर बचत
सामान्यतः एक विवेचक को उच्च न्यायलय में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने मे 03 दिवस का समय लगता था,
नई प्रणाली से पुलिसकर्मियों को अपने केस संबंधी दस्तावेज सीधे ऑनलाइन जमा करने की सुविधा मिली है,
जिससे वे अपनी ड्यूटी के दौरान समय की बचत कर रहे हैं
और कार्य को सुगमता से पूरा कर रहे हैं।
एक विवेचक औसतन रू 3000 प्रतिदिन वेतन प्राप्त करता है
इस प्रकार 1257 प्रतिशपथ पत्र आनलाइन दाखिल करने से लगभग रू 1,13,13,000 का अपव्यय भी रोका गया ।
आगे की राह
पुलिस विभाग का लक्ष्य है कि इस पोर्टल को और अधिक विकसित किया जाए और इसे अन्य सेवाओं के लिए भी उपयोग किया जाए।
इससे पुलिस विभाग और अधिक पारदर्शी और कुशल बन सकेगा।
ई-रिट पोर्टल उत्तराखंड पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पुलिसकर्मियों का काम आसान हुआ है बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी तेजी आई है।