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डोईवाला की एक “पानी लीकेज” को 1 साल से ठीक करने में “जल संस्थान के छूटे पसीने”

"Uttarakhand Jal Sansthan is working hard to fix a "water leakage" in Doiwala for 1 year

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला के मुख्य बाजार में पानी की लीकेज को ठीक करने में उत्तराखंड जल संस्थान बीते एक वर्ष से विफल रहा है

आम जनता के लिए कष्टप्रद बनी यह समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है

कहां है ये समस्या

डोईवाला के मिल रोड़ पर यह पानी के लीकेज की समस्या है

मुख्य चौक,डोईवाला से मिल रोड़ की दिशा में ( घराट गली मोड़ के नजदीक ) महालक्ष्मी मेडिकोज के ठीक सामने पानी की लीकेज हो रही है

इस स्थान पर पिछले एक बरस में सड़क पर एक अच्छा-ख़ासा गड्ढा बन गया है

पिछले गन्ना पेराई सत्र में गन्ने के ओवरलोडेड ट्रक के पहिये के इस गड्ढे में जाने से ट्रक के पलटने का कईं बार खतरा बन गया था

क्या कहते हैं स्थानीय निवासी ?

स्थानीय निवासी और महालक्ष्मी मेडिकोज के स्वामी पारस जौहर ने जल संस्थान के रवैये पर गहरा असंतोष प्रकट किया है

पारस जौहर का कहना है कि जहां जनता पानी के संकट से जूझ रही हो वहां पानी की बर्बादी विभागीय लापरवाही का नमूना है

स्थानीय निवासी रजत घई ने भी इस समस्या के जल्द समाधान की मांग की है

हजारों लीटर पानी बर्बाद

इस स्थान पर पानी की लीकेज से अब तक कईं हजार लीटर पानी के बर्बाद होने का अनुमान है

जहां जल संस्थान “जल ही जीवन है” जैसे पानी के व्यर्थ बहने से बचाने की बात करता है

वहीं सड़क और नाली में बह रहे पानी की लीकेज को ठीक करने में अब तक विफल रहा है

यूके तेज ने उठायी समस्या

यूके तेज के द्वारा उत्तराखंड जल संस्थान के संज्ञान में आम जनता से जुडी समस्या को उठाया गया

9 अगस्त 2024 को इन चार स्थानों पर पेयजल पाइपलाइन से जल रिसाव की शिकायत की गयी

(1) डोईवाला चौक के निकट, महालक्ष्मी मेडिकोज के सामने

(2) चांदमारी,वार्ड-18 ,सरदार देवेंद्र सिंह मान के घर के सामने

(3) डोईवाला चीनी मिल गेट के नजदीक

(4) प्रेमनगर पंचायत घर के सामने चांदमारी मोड़ पर

इनमें से 2,3, और 4 नंबर की शिकायत का समाधान हो गया है

जबकि शिकायत संख्या 01 का समाधान होना बाकी है

अब 70 लाख की रकम से होना है समाधान

इस समस्या के निराकरण का मामला अब उत्तराखंड जल संस्थान के मुख्यालय तक पहुंच गया है

सुगर मिल रोड़ से कुड़कावाला तक पेयजल आपूर्ति को लेकर 7074000 रुपये का एक एस्टीमेट बनाया गया है

चीफ जनरल मैनेजर ,उत्तराखंड जल संस्थान के द्वारा इस एस्टीमेट के तकनीकी पहलू पर दोबारा एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिये गये हैं

उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में उत्तराखंड जल संस्थान इस वाटर लीकेज ( जल रिसाव ) का समाधान कर देगा

 

 

 

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