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देहरादून :डीजीसीए के मानकों पर खरा उतरने पर बीते
दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश के पहले एम्स के
भीतर बने हेलीपेड का उद्द्घाटन किया था।
अब उत्तरांखंडवासियों को इसका लाभ मिलना शरू हो गया है।
सोमवार को एक पेशेंट की ब्रेन हैमरेज के सफल इलाज को अंजाम दिया है।
पेशेंट को बीते दिनों हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया था।
पौड़ी गढ़वाल निवासी एक चिकित्सक जो कि बीती दो अक्टूबर को
अस्पताल में अचानक चक्कर खाकर गिर गए थे,
जिन्हें राज्य सरकार की ओर से एयरलिफ्ट कर उसी शाम
को एम्स हेलिपैड पर उतारा गया था।
सीटी स्कैन में उनको ब्रेन हैमरेज पाया गया था।
और एंजियोग्राफी में नस फटने के कारण एन्युरिज्म पाया गया।
चिकित्सकों के अनुसार उनके दिमाग की एक नस फट गई थी।
जिसे सोमवार को इंडोवैस्कुलर क्वाईलिंग या एन्यूरिज्म
क्वाइलिंग द्वारा ठीक किया गया।
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत जी ने बताया कि राज्य में
एयर एंबुलेंस सेवा व एम्स परिसर में हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध
होने से मरीज को तत्काल एम्स पहुंचाया जा सका,
जिससे तत्काल उनका उपचार शुरू हो सका।
पारंपरिक तरीके में क्षतिग्रस्त नस को दिमाग की
सर्जरी द्वारा क्लिप किया जाता है।
इस नवीनतम इंडोवस्क्युलर तकनीक में सिर
को बिना खोले ईलाज सम्भव है।
इंटरवेंशनल न्यूरो रेडियोलाजिस्ट डॉ. संदीप बुडाठोकी ने बताया
कि इस प्रक्रिया को जांघ के पास 2.5 एमएम का सुराग करके
वहां से नसों के जरिए कैथेटर को ब्रेन हेमरेज वाली जगह पर पहुंचाया गया
व वहां पर दिमाग के हैमरेज वाले हिस्से को क्वायल किया गया।
उन्होंने बताया कि मरीज अब पूरी तरह से खतरे से बाहर है।
उन्होंने बताया कि मरीज के जीवन को बचाने में
दो चीजों की भूमिका अहम रहीं।
जिनमें हेमरेज के तत्काल बाद उन्हें एयरलिफ्ट करके
एम्स ऋषिकेश पहुंचाने व इंडोवैस्कुलर क्वाइलिंग विधि से उपचार करना रहा।
उन्होंने बताया कि इस विधि से उपचार करने से मरीज जल्दी रिकवरी कर सकेगा।