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“बिल्कुल हल्के हाथों से की जाने वाली मालिश” (क्रैनियोसेक्रल थेरेपी) को जाना एसआरएचयू के छात्रों ने

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : Himalayan Institute of Medical Sciences हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) जौलीग्रांट में फिजियोथेरेपी के छात्र-छात्राओं के लिए क्रैनियोसेक्रल थेरेपी Craniosacral Therapy पर गैस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया।

इसमें आए विशेषज्ञ ने छात्र-छात्राओं को Craniosacral Therapy क्रैनियोसेक्रल थैरेपी की तकनीक व इससे होने वाले लाभ के विषय में जानकारी दी।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के Physical Medicine and Rehabilitation Department फिजिकल मेडिसिन एवं रिहेब्लिटेशन विभाग की ओर से विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित चौखंबा सभागार में गैस्ट लेक्चर आयोजित किया गया।

चंडीगढ़ विश्विद्यालय की डॉ. कीर्ति राव ने क्रैानियोसेक्रल थेरेपी (सीएसटी) के विषय में कहा कि यह बिल्कुल हल्के हाथों से की जाने वाली मालिश की तकनीक है।

सीएसटी सिरदर्द, गर्दन के दर्द और कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों से दर्द होने में राहत देती है।

इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को इस तकनीक का Hands on Training हैंड्स ऑन प्रशिक्षण भी दिया।

इस अवसर पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने स्पीकर डॉ. कीर्ति राव को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट का महत्वपूर्ण स्थान है।

उन्होंने छात्रों से इस नई तकनीक में पारंगत होने की बात कही।

उपप्रधानाचार्य डॉ. बरनाली ककाती ने इस फिजियोथेरेपी की नई तकनीक को छात्रों के लिए उपयोगी बताया।

इस अवसर पर इंचार्ज डॉ. रामलीला घुलेलिया, डॉ. वैभव अग्रवाल, डॉ. प्रवीन रावत, डॉ. अमित शमा, डॉ. सरबजीत, डॉ. आशीष, डॉ. अविनाश, डॉ. अंकिता, डॉ. मनीष उपस्थित रहे।

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