डोईवाला के बुल्लावाला में स्वतंत्रता दिवस पर पूर्व सैनिक और किसान सैनिक एकता मंच का भव्य समारोह
Grand function of Ex-Servicemen and Kisan Sainik Ekta Manch on Independence Day at Bullawala, Doiwala.
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डोईवाला के बुल्लावाला स्थित अस्थायी कार्यालय में पूर्व सैनिक संगठन और राज्य किसान सैनिक एकता मंच द्वारा एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पूर्व सैनिकों और किसान सैनिकों ने मिलकर 78वें स्वतंत्रता दिवस को उत्साह और जोश के साथ मनाया।
पूर्वजों का बलिदान है महान
पूर्व सैनिक केंद्रीय संगठन डोईवाला के अध्यक्ष सूबेदार मेजर (सेनि) प्रकाश बहुगुणा ने समारोह को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता की इस 78वीं वर्षगांठ पर हमें अपने पूर्वजों के बलिदानों को याद करना चाहिए।
यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का एहसास कराता है।
संगठन के विस्तार और प्रचार के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए
ताकि हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकें।”
संगठन के संरक्षक सूबेदार मेजर (सेनि) शांति प्रसाद सेमवाल, उपाध्यक्ष सूबेदार (सेनि) सुरेश पुंडीर, महासचिव प्रताप सिंह बिष्ट, और सचिव जरनैल सिंह ने भी सभी पूर्व सैनिकों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी
और संगठन के विकास में सभी की सक्रिय भागीदारी की अपील की।
किसान और सैनिकों ने निभायी बड़ी भूमिका
राज्य किसान सैनिक एकता मंच के महासचिव दरपान बोरा ने भी अपने संबोधन में स्वतंत्रता दिवस की महत्ता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, “आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए सतर्क रहना होगा।
किसान और सैनिकों की भूमिका भी राष्ट्र निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण है
और हमें इसके प्रति सजग रहना चाहिए।”
मंच के अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह राणा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम सिंह पांचाल ने भी सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी
संध्याकाळ में आयोजित कार्यक्रम में सीएआरपीएफ से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर उमेद सिंह भंडारी का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया
मुख्य रूप से ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में कई गणमान्य पूर्व सैनिक उपस्थित रहे, जिनमें कैप्टन सुभाष पाल, विनोद पाल, राजेश रावत, अरुण पटवाल, महिपाल सिंह, कुंवर लक्ष्मण सिंह रावत, शांति प्रसाद भट्ट, सुरेंद्र सिंह राणा, कपिल वर्मा, रविंद्र सिंह, चरणजीत सिंह, बलवीर सिंह, तजवीर सिंह, हरिश्चंद्र पंत, सूबेदार सिरोड़ी, कीर्ति सिंह नेगी, सूबेदार भंडारी, और सूबेदार गढ़िया शामिल थे। सभी ने इस खास मौके पर स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में अपने सम्मान और एकता की भावना को प्रदर्शित किया।