DehradunNationalUttarakhand

फेक न्यूज या नेगेटिव नैरेटिव की करें प्रभावी काट, “सोशल मीडिया मंथन” में बोले मुख्यमंत्री धामी

Effectively counter fake news or negative narratives, said Chief Minister Dhami in the "Social Media Manthan"

 

देहरादून,19 नवंबर 2025 : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसर्स से अपने कंटेंट में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों, स्थानीय उत्पादों, सांस्कृतिक धरोहरों और सामाजिक उपलब्धियों को प्रमुखता से उजागर करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर, फेक न्यूज या नकारात्मक नैरेटिव की भी प्रभावी काट कर सकते हैं।

बुधवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित “सोशल मीडिया मंथन” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज सोशल मीडिया संचार और सूचना के आदान-प्रदान का सबसे तेज और प्रभावी माध्यम बन चुका है।

दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति अपने विचार और अपना दृष्टिकोण को कुछ ही क्षणों में पूरे विश्व तक पहुँचा सकता है।

सोशल मीडिया ने आम नागरिक की आवाज को मंच प्रदान किया है।

यही कारण है कि आज विश्व की बड़ी से बड़ी घटना से लेकर एक गांव की छोटी सी समस्या तक कुछ ही सेकंड में लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुँच जाती है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के साथ ही सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को शासन व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया को संवाद, पारदर्शिता और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी का ऐसा सशक्त माध्यम बनाया है,

जिसने शासन व्यवस्था को न केवल जनकेंद्रित बनाया,

बल्कि प्रत्येक नागरिक को नीति-निर्माण और निर्णय प्रक्रिया से भी प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने X, फेसबुक, ‘मन की बात’, माईगॉव और पीएमओ के डिजिटल इकोसिस्टम जैसे माध्यमों से भारत में ‘डिजिटल गवर्नेंस’ की एक नई मिसाल स्थापित की है।

वो स्वयं भी विश्व के सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले राजनेताओं में शीर्ष स्थान पर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार भी “डिजिटल उत्तराखंड” Digital Uttarakhand निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर सभी विभाग तक जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले शिकायत दर्ज करने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे,

परन्तु आज एक ट्वीट या फेसबुक संदेश से तत्काल समाधान मिल जाता है।

वो स्वयं प्रतिदिन राज्य के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आने वाले सुझावों, शिकायतों और जनसमस्याओं की निगरानी करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार सिर्फ एक पोस्ट या लाइव के कारण किसी बच्चे का इलाज संभव हुआ है, किसी बुजुर्ग की पेंशन बहाल हुई है, किसी सड़क की मरम्मत हुई या किसी आपदा या विपत्ति में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बचाने में सहायता मिली है।

वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया का तेजी से दुरुपयोग भी बढ़ रहा है।

आज फेक न्यूज़, अफवाहों और नकारात्मक नैरेटिव्स के माध्यम से समाज में भ्रम फैलाने की प्रवृत्ति एक चुनौती बनकर उभरी है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया की शक्ति का उपयोग वैचारिक विभाजन पैदा करने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और सरकार की जनहितकारी योजनाओं को लेकर गलत धारणाएँ फैलाने के लिए भी कर रहे हैं।

ऐसे समय में जिम्मेदार सोशल मीडिया वॉरियर की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में कुछ धर्म विरोधी और राष्ट्र-विरोधी मानसिकता वाले लोग भ्रामक खबरों, फेक नैरेटिव और झूठे प्रचार के माध्यम से हमारी धार्मिक आस्था और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।

ऐसे समय में किसी भी भ्रामक, तथ्यहीन या समाज-विरोधी सामग्री का न केवल तत्काल फैक्ट-चेक किए जाने की जरूरत है,

बल्कि उसकी तथ्यात्मक जानकारी भी जन-जन तक पहुँचाए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कई बार कुछ नेगेटिव कंटेंट क्रिएटर्स सरकार, समाज, धर्म और प्रदेश के गौरव से जुड़ी खबरों को तोड़ मरोड़कर भ्रामक तथ्यों के साथ प्रस्तुत कर अधिक व्यूज और लाइक बटोरना चाहते हैं।

लेकिन सभी को ये समझने की आवश्यकता है कि प्रसिद्धि और फॉलोअर्स की दौड़ के बीच एक बारीक रेखा हमारी नैतिक जिम्मेदारी और सामाजिक कर्तव्य की भी होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जब से देवभूमि उत्तराखंड के मूल स्वरूप की रक्षा के लिए विभिन्न कानून के माध्यम से अराजक तत्वों खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं।

तभी से कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व और अर्बन नक्सल गैंग के लोग सोशल मीडिया पर अलग-अलग नामों से फर्जी अकाउंट बनाकर फेक नरेटिव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने कंटेंट में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों, स्थानीय उत्पादों, सांस्कृतिक धरोहरों और सामाजिक उपलब्धियों को प्रमुखता से उजागर करें।

इससे “ब्रांड उत्तराखंड” की पहचान और मजबूत होगी।

इस मौके पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित हुए।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!