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Trauma Chariot Of Aiims : जागरुकता की अलख जगाने निकला एम्स का ’ट्रॉमा रथ’

Trauma Chariot Of Aiims :जागरुकता की अलख जगाने निकला एम्स का ’ट्रॉमा रथ’
राज्यभर के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पहुंचेंगे ट्रामा विशेषज्ञ
सड़क दुर्घटनाओं के दौरान आघात चिकित्सा का देंगे प्रशिक्षण
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वाट्सएप्प करें 8077062107Trauma Chariot Of Aiims :

देहरादून : उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर

को कम करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश द्वारा ट्रॉमा रथ को रवाना किया गया।

यह रथ सप्ताहभर तक राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में

जाकर हेल्थ केयर वर्करों को आघात चिकित्सा के प्रति जागरुक कर

दुर्घटनाओं में घायल लोगों के उपचार को लेकर उन्हें प्रक्षिक्षित भी करेगा।

विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले पहाड़ी राज्य में आपदाओं के

अलावा सड़क दुर्घटनाएं साल दर सल बढ़ रही हैं।

Trauma Chariot Of Aiims :

इन सड़क दुर्घनाओं में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की जान चली जाती हैं।

ट्रॉमा विशेषज्ञों के अनुसार सड़क दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति

की जान बचाने के लिए पहले 3 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

ऐसे में जरूरी है कि आम लोगों सहित हेल्थ केयर वर्करों को

दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने और समय रहते

उपचार की गहन तकनीक का पर्याप्त अनुभव होना चाहिए।

इन्हीं उद्देश्यों को लेकर एम्स ऋषिकेश ने सप्ताहभर का

एक राज्यस्तरीय वृहद कार्यक्रम आयोजित किया है।

सप्ताहभर के इस राज्यस्तरीय अभियान के तहत एम्स के

मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर अश्वनी कुमार दलाल, ट्रॉमा सर्जरी

विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम और गायनी विभाग की

हेड प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने संयुक्तरूप से हरी झंडी दिखाकर एम्स के ’ट्रॉमा रथ’ को रवाना किया।

17 अक्टूबर को ’वर्ल्ड ट्रॉमा डे’ Trauma Chariot Of Aiims :

गौरतलब है कि 17 अक्टूबर को ’वर्ल्ड ट्रॉमा डे’ है।

प्रत्येक वर्ष विश्वस्तर पर मनाए जाने वाले इस दिवस पर दुर्घटनाओं को

रोकने और आघात चिकित्सा के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है।

 ट्रॉमा रथ के प्रभारी और एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. अजय कुमार एवं

डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि यह कार्यक्रम एम्स ऋषिकेश और

राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्तरूप से संचालित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस दौरान ट्रॉमा रथ में मौजूद ट्रॉमा विशेषज्ञ व

चिकित्सक राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पहुंचकर

हेल्थ केयर वर्करों तथा मेडिकल स्टूडेंट्स को ट्रॉमा के प्रति जागरुक कर

उन्हें आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण देंगे।

उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश की पहल पर इस विषय पर राज्यभर के

मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थान एक ही मंच पर आए हैं।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है।

’डिस्बिलिटी एडजस्टेड लाइफ इयर’ (डेली) पर फोकस यह कार्यक्रम

17 अक्टूबर को वर्ल्ड ट्रॉमा डे पर समाप्त होगा।:Trauma Chariot Of Aiims :

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