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इंद्र के दरबार में पहुंचे डॉग राज “डॉगी” और “कागराज”,हिमालयीय यूनिवर्सिटी में रंगमंच कलाकारों ने दी प्रभावशाली जीवंत प्रस्तुति

विश्व रंगमंच दिवस की पूर्व संध्या पर डोईवाला स्थित हिमालयीय यूनिवर्सिटी में रंगमंच कर्मियों द्वारा प्रस्तुति दी गयी इस दौरान पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे.

> विश्व रंगमंच दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में हुई दो प्रस्तुति
> वर्षापति इंद्र के दरबार में पहुंचा मनुष्य और पशु-पक्षियों के बीच का मामला
> जल के महत्व पर अनुराग वर्मा के निर्देशन में संदेश देने में सफल रही रंगमंच प्रस्तुति
> रंगमंच कलाकार अभिषेक मेंदोला और साथियों के जीवंत अभिनय ने किया प्रभावित
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून :

अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की पूर्व संध्या पर कल डोईवाला स्थित हिमालयीय यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

जमकर हंसाने और संदेश देने में सफल रहा “जीवन है जल”

हिमालयीय यूनिवर्सिटी के अनुराग वर्मा के निर्देशन में प्रस्तुत किये गये नाटक प्रस्तुति में कलाकारों ने मानवीय स्वार्थ और असंवेदना के चलते जल के संकट को रेखांकित किया.

जब वर्षपति इंद्र के दरबार में एनिमल वेलफेयर एसोसिएशन का जनरल सेक्रेटरी “डॉग राज डॉगी” और पक्षी कल्याण संघ का उपाध्यक्ष “कागराज” पहुंचे तो मनुष्य के साथ उनकी नोक-झोंक के चुटीले संवाद ने सभी को जमकर हंसाया.

नाट्य प्रस्तुति जल संकट पर अपना संदेश देने में पूरी तरह से सफल रहा है.

दयाप्रकाश सिन्हा के लिखे “रक्त अभिषेक” की बीज प्रस्तुति

उत्तराखंड के मंझे हुये थिएटर आर्टिस्ट अभिषेक मेंदोला और साथी कलाकारों ने दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित मशहूर नाटक “रक्त अभिषेक” पर एक प्रभावशाली बीज प्रस्तुति दी.

कलाकारों का जीवंत अभिनय दर्शकों पर अपनी गहरी छाप छोड़ने में कामयाब रहा.

जमीन पर काम से होगा प्रकृति का संरक्षण

पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी को विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हिमालय संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर दी गयी प्रस्तुति बेहद महत्वपूर्ण है.

प्रकृति के संरक्षण के लिए हमें जमीनी स्तर पर सामूहिक प्रयास करने होंगें तभी कोई परिवर्तन संभव होगा.

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी

निर्देशक और थिएटर आर्टिस्ट अभिषेक मेंदोला की प्रस्तुति “रक्त अभिषेक” पर विचार व्यक्त करते हुये मुख्य अतिथि रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राजधर्म से बड़ा राष्ट्रधर्म होता है.

हमने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना है हिन्दुस्तान कोई जमीन का टुकड़ा नही है हिन्दुस्तान मतलब उसकी संस्कृति,आचार-विचार से है.

श्री निशंक ने कहा कि ,”यूनान-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गये जहां से,कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी” हमने पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा है यही हमारे विचार की ताकत है कि जब दुनिया से कईं सभ्यताएं समाप्त हो गयी तब हिन्दुस्तान विश्व में एक प्रमुख देश के रूप में अटल खड़ा है.

  हमने “योग: कर्मसु कौशलम्” के विचार को अपनाया है जो कर्म का कौशल है वो योग है योग के बिना जीवन नही है तन और मन का जोड़ ही योग है.

विचार की शक्ति से हम बड़े से बड़े संकल्प को सिद्ध कर सकते हैं. 

कुलाधिपति प्रो0 प्रदीप कुमार ने कहा है कि विश्वविद्यालय रंगमंच के संरक्षण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विश्वविद्यालय का रंग मंच विभाग छात्रों और क्षेत्र के समर्पित कलाकारो के साथ मिलकर रंगमंच की गतिविधियों के संचालन के नए आयाम प्रस्तुत करेगा.

कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमालयीय विश्वविद्यालय, के कुलाधिपति प्रो0 प्रदीप कुमार ने की तथा संचालन डॉ मोनिका गुप्ता ने किया कार्यक्रम में हिमालयीय विश्वविद्यालय के प्रो0 जे.पी.पचौरी, कुलपति डॉ0 राजेश नैथानी, प्रति-कुलपति, बाल कृष्ण चमोली, सचिव, हिमालयीय विश्वविद्यालय,डॉ0 अनिल कुमार झा, प्राचार्य, हिमालयीय ,आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल,डॉ0 निशांत राय जैन, रजिस्ट्रार, हिमालयीय विश्वविद्यालय,डॉ0 अंजना विलियमस, प्राचार्य, हिमालयीय कॉलेज आफॅ नर्सिंग उपास्थित रहे.

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