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प्रतिष्ठित विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 से सम्मानित हुए कथाकार पंकज बिष्ट

Storyteller Pankaj Bisht honored with the prestigious Vidyasagar Nautiyal Smriti Samman 2024

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : रविवार को देहरादून में आयोजित विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 कार्यक्रम में वरिष्ठ कथाकार और विचारक पंकज बिष्ट को सम्मानित किया गया।

सेव हिमालय मूवमेंट और संवेदना संस्था द्वारा आयोजित इस समारोह में पंकज बिष्ट को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मान पत्र, अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह के साथ 31,000 रुपये की राशि प्रदान की गई।

वरिष्ठ कवि और पत्रकार इब्बार रब्बी तथा वरिष्ठ कथाकार गुरदीप खुराना ने यह सम्मान प्रदान किया।

साहित्य की सामाजिक भूमिका पर चर्चा

कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विद्वानों ने साहित्य की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला।

पंकज बिष्ट ने विद्यासागर नौटियाल से सीखी गई प्रतिबद्धता की महत्ता पर जोर दिया

और कहा कि मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता मनुष्यता की सबसे बड़ी धरोहर है।

इब्बार रब्बी ने पंकज बिष्ट की सत्य को सामने लाने की निडरता की प्रशंसा की।

गुरदीप खुराना ने पंकज बिष्ट की पत्रिका ‘समयांतर’ की विचारधारा की सराहना की।

साहित्य के माध्यम से समाज दर्पण

डॉ. संजीव नेगी ने पंकज बिष्ट के साहित्य का विश्लेषण करते हुए बताया कि उनकी रचनाओं में समकालीन समाज का यथार्थ चित्रण मिलता है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बिष्ट की कृतियों में उदारीकरण, बाबरी विध्वंस और वैश्विक घटनाओं का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है।

साहित्य व संस्कृति कर्मी हम्माद फारुखी ने पंकज बिष्ट और विद्यासागर नौटियाल को एक विचार का कथाकार बताया।

उन्होंने पंकज बिष्ट व उनके साहित्य का व्यापक परिचय दिया।

और बताया कि किस तरह भारत सरकार के फिल्म्स डिवीजन में संवाद- लेखन करते हुए भी व साहित्यरत रहे हैं।

संचालन करते हुए कवि व कथाकार विजय गौड़ ने कहा कि पहला विद्यासागर सम्मान 2021 में कथाकार सुभाष पंत को, दूसरा 2022 में स्व. शेखर जोशी और तीसरा 2023 में डॉ. शोभा राम शर्मा को दिया गया था।

उनके द्वारा संपादित समयांतर सबसे विचारपरक पत्रिकाओं में है।

यह चर्चा साहित्य के माध्यम से समाज को समझने और उसे नई दिशा देने की क्षमता को रेखांकित करती है।

कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार विजय गौड़ ने किया है।

कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जगतंबा प्रसाद रतूड़ी, वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा, साहित्यकार गुरदीप खुराना, डा० हम्माद फारूखी, डा० संजीव सिंह नेगी ने विचार व्यक्त किये ।

कार्यक्रम में पंचशील नौटियाल, अंतरिक्षा नौटियाल, राजेश सकलानी, साहित्यकार वीना बेंजवाल, जितेन ठाकुर, डा० राजेश पाल, रमाकांत बेंजवाल, पूनम कैंतुरा, द्वारिका सेमवाल, प्रेम पंचोली, अनिता जोशी, अंबर जोशी, वरिष्ठ आईएएस अयोवृद्ध चंद्रसिंह,मनोज इष्टवाल,राकेश बिजल्वाण,रमन जायसवाल, आदि साहित्यकार और पत्रकार उपस्थित रहे है।

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