देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : Himalayan School of Biosciences ( एचएसबीएस ) जौलीग्रांट में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए।
इस अवसर पर आयोजित पोस्टर, मॉडल, रंगोली, क्विज सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही। विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
क्यूं मनाया जाता है “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस”
एचएसबीएस के प्रिसिंपल डॉ. संजय गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है।
यह खोज भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा 28 फरवरी 1928 को की गई थी।
इस खोज के कारण सीवी रमन को साल 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
विभिन्न कार्यक्रम हुए आयोजित
बुधवार को स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआऱएचयू) जौलीग्रांट में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में हिमालयन स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के थीम ‘विकसित भारत के लिए स्वदेसी तकनीक’ को केंद्रित कर निबंध लेखन, विज्ञान क्विज, पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण व साइंस मॉडल निर्माण प्रतियोगिता हुई।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण करें विकसित
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डायरेक्टर जनरल (एकेडमिक डेवलेपमेंट) डॉ.विजेंद्र चौहान ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन कर अधिक से अधिक ऐसे आयोजन पर जोर दिया।
साथ ही छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित कर विज्ञान एवं प्रोधोगिकी क्षेत्र में अपना योगदान देने पर बल दिया।
नगद पुरूस्कार से किया सम्मानित
रिसर्च सेल निदेशक डॉ.बिंदु डे ने बताया कि कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल की अध्यक्षता में एनएएसआई, उत्तराखंड चैप्टर द्वारा प्रायोजित क्विज़ के विजेताओं को नकद पुरस्कार प्रदान किए गए।
विश्वविद्यालय के संकाय और शोधकर्ताओं के लिए, एक रिसर्च कॉन्क्लेव आयोजित किया गया।
इस दौरान डॉ.कैथी, डॉ.सीएस नौटियाल, डॉ.संचिता पुगाजंडी, डॉ.अजय दुबे सहित विभिन्न फैकल्टी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।