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100 ट्रैक्टर-ट्राली सहित डोईवाला के किसान करेंगें उत्तराखंड राजभवन का घेराव

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देहरादून : देश में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा लागू किये गये

तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ डोईवाला के किसान लामबंद हो गये हैं।

आज एक बैठक कर किसानों के संयुक्त मोर्चे ने

उत्तराखंड राजभवन घेरने की रणनीति बनायी है।

आज गुरुद्वारा लंगर हाल प्रांगण में डोईवाला किसान संयुक्त मोर्चे की बैठक बुलायी गयी।

जिसमें क्षेत्र के किसानों ने भाग लिया। बैठक में सभी के विचार जानने के बाद

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आने वाली 23 जनवरी को गुरुद्वारा लंगर हॉल डोईवाला में किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ एकत्रित होंगे।

सबसे आगे देश का तिरंगा झंडा लगाये और संयुक्त किसान मोर्चे का बैनर लगाये ट्रैक्टर-ट्राली चलेगी

जिसके पीछे मोर्चे के अलग-अलग घटक अपना-अपना झंडा लगाये चलेंगें।

डोईवाला से 23 जनवरी को सुबह 10 बजे लगभग 100 ट्रैक्टर-ट्राली का कारंवा देहरादून राजभवन पहुंचकर घेराव करेगा।

किसानों ने जुटाया 8 लाख रुपये का चंदा :–

डोईवाला के अलग-अलग गांवों से किसानों ने आंदोलन के लिए अब तक 8 लाख रुपये की धनराशि जुटायी है।

इस धनराशि में गुरूद्वारे की गोलक का रूपया नही जोड़ा गया है यदि उसे भी जोड़ा जाये तो ये एक बड़ी धनराशि बन जायेगी।

संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा आज डोईवाला के विभिन्न गांव-इलाकों की एक एड-हॉक कमिटी गठित की गयी है।

जिसमें शेरगढ़ से गुरमीत सिंह,गुरदीप सिंह,अमरीक सिंह,डोईवाला से मोहित उनियाल और गौरव मल्होत्रा,अठूरवाला से संदीप चौधरी,

देहरादून से सुरेंद्र सिंह सजवाण,माजरी ग्रांट से दलजीत सिंह,ताजिंदर सिंह ‘ताज’,सुरजीत सिंह,विस्थापित भानियावाला से हरिंदर सिंह बालियान,

बालावाला से प्रमोद कपरवाण,चांदमारी से बलबीर सिंह,निर्मल सिंह और प्रेम सिंह पाल,तेलीवाला से जाहिद अंजुम,दुधली से उमेद बोरा,खैरी से गुरदेव सिंह,

किशन सिंह,तेजपाल सिंह,प्रेमनगर से लश्कर सिंह,भानियावाला से मनोहर सिंह और राहुल सैनी,रानीपोखरी से रविंदर कठैतअनूप चौहान,सुबोध जायसवाल,

इंदरजीत सिंह लाड़ी और प्रेमनगर से अश्विनी त्यागी,लच्छीवाला से रणवीर सिंह चौहान,हंसुवाला से अमरजीत सिंह और गुरपाल सिंह शामिल हैं।

क्या करेगी ये कमिटी :–

इस गठित की गयी कमिटी के लोग अपने-अपने क्षेत्र में स्थानीय किसानों से सम्पर्क कर संयुक्त किसान मोर्चे से जोड़कर संगठन का विस्तार करेंगें।

इसके साथ ही कमिटी के सदस्य हर गांव से किसान आंदोलन में दिल्ली जाने के लिए ”डोईवाला जत्थे” के लिए किसानों को संगठित करेंगें।

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