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मुख्यमंत्री ने किया 8 हजार 275 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

Chief Minister laid the foundation stone and inaugurated schemes worth Rs. 8 thousand 275 crores

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 17 विभागों की 8 हजार 275 करोड़ की 122 विभिन्न योजनाओं का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

17 विभागों की 122 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

आज देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया

इसमें 11 विभागों की 1048.15 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया गया

इसके अलावा 15 विभागों की 7227.36 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रिपेड मीटर योजना का शिलान्यास

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की 2027 करोड़ की प्रिपेड मीटर योजना का भी शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को टूल किट का भी वितरण किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सचिव ऊर्जा एवं एमडी पिटकुल पी.सी. ध्यानी द्वारा 05 करोड़ का लाभांश का चेक भी प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न उद्यमियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आवंटन पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के व्यक्तिगत लाभार्थियों के आवंटन पत्र भी प्रदान किये।

श्रेष्ठ राज्य का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ बनाना है।

जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। आज का यह कार्यक्रम हमारी विकास नीति का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें 8000 करोड़ रूपए से भी अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है।

विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ये सभी विकास कार्य उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, आवास और ग्राम्य विकास से जुड़े करोड़ों के विकास कार्यों से प्रदेश का वर्तमान बेहतर होगा।

जबकि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, स्पोर्ट्स स्डेडियम, ऊर्जा, डेयरी और पर्यटन से जुड़े करोड़ों के विकास कार्य आने वाले भविष्य में उत्तराखंड को सक्षम, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होंगे।

दोगुनी करनी है जीएसडीपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश की जी.एस.डी.पी. को 05 वर्षों में दुगना करने का है।

प्रत्येक जिलों में 2025 तक बेस्ट प्रेक्टिस व नवाचार के रूप में क्या पहल हो सकती है इसकी भी कार्य योजना बन रही है।

राज्य में जी.एस.टी. संग्रहण 23 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि प्रतिवर्ष लिये जाने वाले ऋण की धनराशि में कमी आयी है।

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